दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी S&P ने कहा- भारत की GDP ग्रोथ दो साल में 8.5% पर पहुंच सकती है

Thursday, Jun 11, 2020 - 10:09 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में बड़ी गिरावट के बावजूद भारत में मजबूत रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। इससे वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.5 फीसदी के करीब रह सकती है। हालांकि, एजेंसी ने कहा कि कमजोर वित्तीय सेक्टर और लेबर मार्केट में सुधार करने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो रिकवरी पर असर पड़ सकता है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में 5% जीडीपी संकुचन का अनुमान जताया है।

रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स 'बीबीबी-' पर अपरिवर्तित रखी है। रेटिंग्स एजेंसी ने भारत की विदेशी और स्थानीय मुद्रा पर अपनी अयाचित रेटिंग्स दीर्घकाल के लिए 'बीबीबी-' और अल्पकाल के लिए 'ए-3' की पुष्टि की है। इसके अलावा एसएंडपी ग्लोबल रेटिग्स ने कहा है कि दीर्घकाल रेटिंग पर भारत का परिदृश्य स्थिर है। रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को बयान में कहा कि स्थिर परिदृश्य हमारी इस अपेक्षा को जाहिर करता है कि कोविड-19 महामारी पर लगाम लगने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था सुधरेगी, देश अपनी शुद्ध बाहरी स्थिति को बनाए रखेगा।
    
2021 में फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 11 फीसदी रहने का अनुमान एसएंडपी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से हाल ही में किए गए उपाय रचनात्मक नीति निर्माण का रास्ता तैयार करते हैं। लेकिन कम राजस्व भारत की फिस्कल स्थिति को कमजोर करता रहेगा। एजेंसी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सरकार के लिए राजस्व जुटाने के लिए सख्त कदम उठाना काफी मुश्किल होगा। ऐसे में वित्त वर्ष 2021 में भारत का फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 11 फीसदी रह सकता है।

फिच रेटिंग्स ने भी जताया है 9.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान
एसएंडपी के अलावा फिच रेटिंग्स ने भी वित्त वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का अनुमान जताया है। एजेंसी ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में संकुचन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से वापसी करेगी और अगले वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी का तेज ग्रोथ रेट रहेगा। हालांकि, तेज ग्रोथ रेट के लिए वित्तीय सेक्टर की हालत में सुधार करना होगा। फिच रेटिंग ने कोरोनावायरस महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का सिकुड़ने के अनुमान जताया है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 5% का संकुचन रहने का अनुमान जताया है।

वित्त वर्ष 2020 में 4.2 फीसदी रही जीडीपी ग्रोथ
जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 3.1 % रही है। हालांकि पूरे साल के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 4.2 % रही। इसी तरह ग्रास वैल्यू एडेड (जीवीए) 3.9 प्रतिशत रहा है। केंद्रीय सांख्यिकीय विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 % थी। जबकि 2019 के पूरे साल के दौरान यह वृद्धि दर 6.1% थी।

jyoti choudhary

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