खिलौना, साइकिल उद्योग के लिए 7,000 करोड़ रुपए की PLI जल्द!

Monday, Mar 06, 2023 - 02:19 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने देश में ​खिलौनों और साइकिल कलपुर्जों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 7,000 करोड़ रुपए से अ​धिक की दो उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं को अंतिम रूप दिया है। मामले से अवगत लोगों ने बताया कि खिलौनों के लिए PLI योजना के लिए 3,489 करोड़ रुपए और साइकिल के पुर्जों के लिए 3,597 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने की उम्मीद है। इससे संबंधित कैबिनेट नोट पहले ही जारी किया जा चुका है।

एक व्य​क्ति ने कहा, ‘जैसे ही हमें इन दो योजनाओं के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी, हम नियमों को अंतिम रूप देने की पहल शुरू कर देंगे। साथ ही अगले वित्त वर्ष के अंत तक आवेदनों की जांच पूरी करने की योजना है।’ उत्पादों की पहचान एवं सिफारिश स्थानीय मूल्यवर्द्धन एवं निर्यात को बेहतर करने के लिए गठित संचालन समिति द्वारा की गई है। इस समिति में शीर्ष उद्योगपतियों, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों के अ​धिकारी शामिल हैं।

पहले चरण की योजनाओं को अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद उद्योग उम्मीद कर रहा था कि फरवरी में केंद्रीय बजट में कम से कम आधा दर्जन नई योजनाओं की घोषणा की जाएगी। मगर, बजट में एक भी नई योजना का उल्लेख नहीं किया गया था। वा​णि​​ज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि वित्त मंत्रालय PLI के लिए नियमित तौर पर रकम आवंटित कर रहा है। बजट से पहले एक बातचीत में गोयल ने कहा था, ‘किसी योजना को मंजूरी देने के लिए वास्तव में कैबिनेट की प्रक्रिया होती है और दिशानिर्देश जारी करना मंत्रिस्तरीय प्रक्रिया है। हम कई PLI लेकर आए हैं और कई अन्य कैबिनेट के जरिये आने वाले हैं। अभी कई PLI की तैयारी है।’

वित्त मंत्री PLI योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपए और सेमीकंडक्टर्स के लिए 76,000 करोड़ रुपए पहले ही मुहैया करा चुकी हैं। उपरोक्त अधिकारी ने कहा कि दो नई योजनाओं के लिए कोई अतिरिक्त बजटीय आवंटन नहीं होगा। इन योजनाओं के पहले चरण में करीब 11,848 करोड़ रुपए की अनुमानित बचत से 7,000 करोड़ रुपए से अधिक का आवंटन किया जाएगा।

इस योजना को इस तरीके से तैयार किया गया है कि PLI लाभार्थियों या कंपनियों को प्रोत्साहन की रकम किस्तों में दी जएगी। उदाहरण के लिए, सरकार द्वारा अब तक शुरू की गई 14 PLI योजनाओं में से 7 योजनाओं के लिए लाभार्थियों को चालू वित्त वर्ष के अंत तक महज 4,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस योजना के मद में सरकार के खर्च का असर अगले दो वर्षों में दिखने लगेगा जब उत्पादन जोरों पर होगा।
 

jyoti choudhary

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