दालों की बढ़ती कीमतों से जल्द मिलेगी राहत, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Wednesday, Oct 14, 2020 - 06:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आसमान छूती दालों की कीमतों को देखते हुए सरकार ने बड़ी कदम उठाया है। आने वाले दिनों में दालों की कीमतें में गिरावट आ सकती है। सरकार ने दाल का इंपोर्ट बढ़ाने का फैसला किया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उड़द और अरहर (तुअर) का इम्पोर्ट कोटा लिस्ट जारी की है। सरकार की तरफ से चार लाख टन अरहर इम्पोर्ट करने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा करीब 1.5 लाख टन उड़द इम्पोर्ट करने की भी इजाजत मिली है। कारोबारियों को 15 नवंबर तक 4 लाख टन अरहर का इम्पोर्ट करना होगा। डीजीएफटी के तहत आने वाले रीजनल अथॉरिटी को अर्जेंट बेसिस पर एप्लीकेंट्स को लाइसेंस जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।

यह भी पढ़ें- SBI चेयरमैन ने कहा- NPA को लेकर जितना डर फैला है स्थिति उतनी खराब नहीं

सरकार उठाएं अहम कदम
सितंबर में शुरू किए गए एक नई व्यवस्था के तहत थोक के साथ-साथ खुदरा पैकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बफर स्टॉक से राज्यों को दालों की पेशकश की जा रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अरहर और उड़द की खरीफ की फसल के कटाई का समय नजदीक आने के बावजूद पिछले एक पखवाड़े में दालों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। 

यह भी पढ़ें-  टैक्स रिफंडः CBDT ने 38 लाख से अधिक करदाताओं को लौटाए 123474 करोड़ रुपए 

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘इन दालों की खुदरा कीमतें पिछले साल की तुलना में न केवल अधिक बनी हुई हैं, बल्कि हाल ही में इसमें और उछाल भी भी आया है।’’ पिछले वर्ष की तुलना में सोमवार को अरहर और उड़द की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में क्रमश: 23.71 प्रतिशत और 39.10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

इन दालों के कई खपत केंद्रों में पिछले 15 दिनों के दौरान 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘आज की तारीख तक आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु ने लगभग एक लाख टन तुअर दान की जरुरत को पेश किया है।’’ निकट भविष्य में और राज्यों के आगे आने की उम्मीद है.केंद्र ने कीमतों में स्थिरता लाने के उद्देश्य से, मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत वर्ष 2015-16 से दालों और प्याज के बफर स्टॉक का निर्माण कर रही है। चालू वर्ष के लिए, सरकार का 20 लाख टन दालों के बफर स्टॉक बनाने का उद्देश्य है।

यह भी पढ़ें-  मोबाइल नंबर हो जाए अचानक बंद तो हो जाएं सावधान, खाली हो सकता है आपका अकाउंट 

उड़द दाल के इम्पोर्ट के लिए लाइसेंस 31 मार्च 2020 तक के लिए वैलिड होगा यानी 31 मार्च तक तय कोटा के हिसाब से उड़द 31 मार्च तक भारतीय बंदगाहों पर पहुंच जाना चाहिए। भारत में दालों की पैदावार पर जानकारों का मानना है कि इस बार कर्नाटक में अरहर की फसल पर ज्यादा बारिश का असर होगा और पैदावार 10 फीसदी तक घट कम हो सकती है। हाल के दिनों में अरहर और उड़द दाल की कीमत में सबसे ज्यादा तेजी आई है। एक महीने पहले तक 80 से 90 रुपए प्रति केजी मिलने वाला अरहर दाल इन दिनों 20 से 25 रुपए प्रति किलो महंगा हो चुका है।

jyoti choudhary

Advertising