रेवेन्यू के मामले में भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनी RIL, इंडियन ऑयल को पीछे छोड़ा

Tuesday, May 21, 2019 - 03:43 PM (IST)

नई दिल्लीः मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ऑयल को पीछे छोड़कर आरआईएल (RIL) रेवेन्यू के मामले में भारत की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। आरआईएल ने 5.67 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू अर्जित करके इंडियन ऑयल (IOC) की 11 साल की बादशाहत खत्म की।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान आरआईएल का रेवेन्यू 44.8 फीसदी की बढ़त के साथ 5.67 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया, वहीं आईओसी (IOC) का रेवेन्यू 28.03 फीसदी बढ़कर 5.28 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। अगर रोजाना का औसत निकालें तो वित्त वर्ष के दौरान आरआईएल ने रोज 1553 करोड़ रुपए और आईओसी ने लगभग 1446 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। इस प्रकार आरआईएल की तुलना में आईओसी का रेवेन्यू पूरे साल में लगभग 38,986 करोड़ रुपए कम रहा।

इस उपलब्धि के साथ आरआईएल रेवेन्यू, मुनाफे और मार्केट कैप सभी तीनों मानकों पर देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन और रिटेल बिजनेस पर जोर दिए जाने से आरआईएल ने वित्त वर्ष 2010 और वित्त वर्ष 2019 के बीच 14.1 फीसदी सीएजीआर ग्रोथ दर्ज की थी। इसके विपरीत आईओसी का रेवेन्यू इस अवधि के दौरान सिर्फ 6.3 फीसदी की दर से बढ़ा।

8.4 लाख करोड़ के स्तर पर आरआईएल की मार्केट कैप
सोमवार को आरआईएल की मार्केट कैप बढ़कर 8.4 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई थी, जो निफ्टी की कुल मार्केट वैल्यू 86.4 लाख करोड़ रुपए का 10वां हिस्सा है। कंपनी की इंडेक्स की कंपनियों के कुल रेवेन्यू और प्रॉफिट में भी लगभग इतनी हिस्सेदारी है।

मई में उच्चतम स्तर पर पहुंचा था आरआईएल का शेयर
मई में उच्चतम स्तर छूने के बाद आरआईएल का शेयर बिकवाली की चपेट में आ गया था और महज 12 दिनों के भीतर इसमें 12.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। तब से शेयर लगभग 7.6 फीसदी मजबूत हो चुका है। वहीं वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान फ्यूल रिटेलर कंपनी आईओसी का मार्जिन बढ़ गया था। 

jyoti choudhary

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