आदर्श किराएदारी कानून से रीयल एस्टेट क्षेत्र में आ सकती है क्रांति

Tuesday, Jul 30, 2019 - 01:20 PM (IST)

नई दिल्लीः रीयल एस्टेट क्षेत्र की संस्था नारेडको ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित आदर्श किराएदारी कानून को यदि सभी राज्यों द्वारा लागू किया जाता है तो इससे किराए के लिए मकान निर्माण को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और बिल्डर अपने कुल मकानों में 50 प्रतिशत तक मकान केवल किराए पर देने के लिए बनाने को प्रोत्साहित होंगे।

केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘आदर्श किरायेदारी कानून, 2019' का मसौदा सार्वजनिक विचार विमर्श के लिए जारी किया है। इस बारे में इस साल के बजट में घोषणा की गई थी। विभिन्न पक्षों से मिलने वाले सुझावों पर विचार विमर्श करने के बाद कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘आदर्श किराएदारी कानून में सभी संबद्ध पक्षों की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। इससे किराए के मकानों को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।''

उन्होंने कहा कि ‘नेशनल रीयल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) कानून के मसौदे का अध्ययन कर रही है और जल्द ही अपनी सिफारिशें सौंपेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी राज्य इस आदर्श कानून के आधार पर अपना खुद का किरायेदारी कानून बनाएंगे। इसके अमल में आने के बाद ‘‘मुझे उम्मीद है कि सभी डेवलपर्स अपने 50 प्रतिशत फ्लैट किराए के लिए रखेंगे।'' नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार ने भी कहा कि आम बजट में इस संबंध में की गई घोषणा से किराए पर मकान से रीयल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।

Supreet Kaur

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