मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले- पिछले साल के आंकड़ों में संशोधन से तीसरी तिमाही में विनिर्माण-निजी खपत में कमी

Wednesday, Mar 01, 2023 - 03:14 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि 2022-23 की दिसंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन और निजी उपभोग व्यय में वृद्धि दर ऊंचे आधार के कारण 'सुस्त' नजर आ रही है। नागेश्वरन के अनुसार, पिछले तीन साल से आंकड़ों में संशोधन के कारण जीडीपी वृद्धि का आधार बढ़ा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को पिछले तीन साल 2019-20, 2020-21 और  2021-22 के जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़ों को संशोधित किया और 2022-23 के लिए जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। 

जहां 2021-22 के लिए विकास दर को 40 आधार अंकों से संशोधित कर 8.7 प्रतिशत से 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 9.1 प्रतिशत कर दिया गया है, वहीं 2020-21 (कोविड प्रभावित वर्ष) के लिए जीडीपी को भी -6.6 प्रतिशत से बढ़ाकर -5.8 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भी वृद्धि दर को संशोधित कर 3.7 प्रतिशत से 3.9 प्रतिशत कर दिया गया है। 

हालांकि, जनवरी में पहले अग्रिम अनुमानों में 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि के दूसरे अग्रिम अनुमान को 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया था। आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 1.1 प्रतिशत की कमी आई और निजी उपभोग व्यय घटकर 2.1 प्रतिशत रह गया।

नागेश्वरन ने कहा कि आंकड़ों में संशोधन के कारण आधार प्रभाव बढ़ गया। इस कारण विनिर्माण क्षेत्र और निजी उपभोग व्यय में कमी हुई। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में विनिर्माण 3.8 प्रतिशत की दर से और निजी उपभोग व्यय छह प्रतिशत की दर से बढ़ता। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के लिए कल शाम जारी किए गए आंकड़ों को लेकर बहुत गलतफहमी है क्योंकि इसके साथ पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों में संशोधन भी किया गया।
 

jyoti choudhary

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