खुलासा! कोरोना काल में घर चलाने के लिए 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लिया उधार, मुंबई की हालत खराब

Tuesday, Nov 03, 2020 - 05:31 PM (IST)

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौर में भारतीयों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 46 फीसदी ने उधार लिए, वहीं, 27 फीसदी लोगों ने ईएमआई का भुगतान करने के लिए उधारी का सहारा लिया है। इस बात का खुलासा होम क्रेडिट इंडिया के एक शोध में हुआ है। शोध के मुताबिक कोरोनाकाल में 46 फीसदी भारतीयों ने अपनी गृहस्थी चलाने के लिए उधार का सहारा लिया है। महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में 14 फीसदी लोगों को उधार लेना पड़ा, क्योंकि इस दौरान उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। 

मुंबई और भोपाल की हालत खराब
बता दें कि मुंबई और भोपाल में सबसे ज्यादा लोग (27 फीसदी) उधार लिए हैं। इसके बाद दिल्ली और पटना की बारी आती है जहां क्रमश: 26 फीसदी व 25 फीसदी है। साल 2019 में तकरीबन 46 फीसदी लोगों ने उधार लिया था। इनमें 33 फीसदियों ने अपनी जीवनशैली के स्तर बेहतर बनाने और बाकियों ने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उधार लिया था।

वेतन में कटौती
कोरोनावायरस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था और समाज में लोगों पर काफी प्रभाव डाला है। इस दौर में किसी की नौकरी के चले जाने और वेतन में हो रही भारी कटौती ने निम्न और मध्यम आय वर्ग को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। कोरोना महामारी ने लोन और उधार की वरीयताओं के प्रति नजरिए में बदलाव किया है। 

लोगों की नौकरियों पर कोरोना का डंक
कोरोना ने देश के हर राज्य से लाखों लोगों की नौकरियों पर डंक मारा है, इनमें से ज्यादातर युवा थे। सेंटर फ़ॉर इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन लगने के एक महीने के बाद करीब 12 करोड़ लोग अपने काम से हाथ गंवा चुके हैं। नौकरी से हाथ धोने वाले ज्यादातर असंगठित और ग्रामीण इलाकों से थे।

rajesh kumar

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