थोक मुद्रास्फीति अक्तूबर में बढ़ कर शून्य से 3.81 प्रतिशत नीचे

Monday, Nov 16, 2015 - 02:15 PM (IST)

नई दिल्ली: दलहन, सब्जी और प्याज मंहगे होने से थोक मुद्रास्फीति थोड़ी बढ़कर शून्य से 3.81 प्रतिशत नीचे आ गई जबकि सितंबर में यह शून्य से 4.54 प्रतिशत नीचे थी। इससे मुद्रा अपस्फीति का बदाव कुछ कम हुआ है। यह लगातार 12वां महीना है जबकि थोक मुद्रास्फीति मुद्रास्फीति शून्य से नीचे है। यह सिलसिला गत वर्ष नवंबर में शुरू हुआ था जबकि थोक मूल्य वाली मंहगाई दर शून्य से नीचे गई थी।   

थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रा स्फीति पिछले साल अक्तूबर में 1.66 प्रतिशत थी। इस बार अक्तूबर में खाद्य उत्पादों के वर्ग में खास कर दाल-दलहन और प्याज की महंगाई दर काफी ऊंची रही। अक्तूबर में दालों की महंगाई दर 52.98 प्रतिशत रही। प्याज के थोक भाव एक साल पहले से 85.66 प्रतिशत ऊंचे रहे।

आज यहां जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों में मूल्य सालाना आधार पर वृद्धि 2.56 प्रतिशत रही। पिछले साल इसी महीने में इसके दाम शून्य से 19.37 प्रतिशत कम हुए थे। दलहन और प्याज के अलावा सालाना आधार पर दूध (1.75 प्रतिशत) और गेहूं (4.68) प्रतिशत महंगा हुआ है। आलू के दाम 58.95 प्रतिशत घटे हैं।   

ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति शून्य से 16.32 प्रतिशत नीचे रही। इस बीच अगस्त की थोक मुद्रास्फीति संशोधित कर शून्य से 5.06 प्रतिशत नीचे कर दी गई है जबकि प्रारंभिक आंकड़ों में इसे शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे बताया गया था। 

रिजर्व बैंक पहली दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दर पर कोई फैसला करते हुए थोक मूल्य सूचकांक के आकड़ों को ध्यान में रखेगा। आर.बी.आई. आम तौर पर मौद्रिक नीति पर फैसला में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों को को ध्यान में रखता है। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने बढ़कर अक्तूबर में 5 प्रतिशत पर आ गई जो पिछले साल के इसी महीने 4.62 पर थी। एेसा मुख्य तौर पर दलहन और अन्य खाद्य उत्पादों में मंहगाई के कारण हुआ। 

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