IFSC में सोना की कीमत से जुड़े जोखिम से बचाव कर सकेंगी निवासी इकाइयांः आरबीआई

Wednesday, Dec 07, 2022 - 05:19 PM (IST)

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में स्थित निवासी इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सोना की कीमतों से जुड़े जोखिम से बचाव की मंजूरी दे दी है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए इस फैसले की जानकारी दी। अभी तक भारत में मौजूद निवासी इकाइयों को विदेशी बाजारों में सोने में निवेश को लेकर कीमत जोखिम से बचाव की अनुमति नहीं मिली हुई थी। 

दास ने कहा, "इन इकाइयों को सोने में निवेश को लेकर कीमत जोखिम से प्रभावी तरीके से बचाव के लिए अधिक लचीलापन देने के लिए यह तय किया गया है कि निवासी इकाइयों को आईएफएससी में मान्यता-प्राप्त एक्सचेंजों पर अपना स्वर्ण कीमत जोखिम से बचाव की मंजूरी हो।" उन्होंने कहा कि इस बारे में विस्तृत निर्देश आरबीआई की तरफ से अलग से जारी किए जाएंगे। अहमदाबाद से सटे गिफ्ट सिटी में गठित आईएफएससी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र के तौर पर काम करता है। इस बीच आरबीआई ने सांविधक तरलता अनुपात (एसएलआर) के अंतर्गत एचटीएम (हेल्ड टू मैच्योरिटी) श्रेणी की परिपक्वता अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 तक करने का फैसला भी किया है। 

दास ने कहा कि 23 प्रतिशत की बढ़ी हुई एचटीएम सीमा में एक सितंबर, 2020 से लेकर 31 मार्च, 2024 तक प्रतिभूतियां लेने की अनुमति बैंकों को होगी। एचटीएम निवेश पोर्टफोलियो की श्रेणी है। इस श्रेणी की प्रतिभूतियों को बैंक उसकी परिपक्वता अवधि तक रखते हैं। आरबीआई ने पहले एचटीएम की सीमा को 19.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 23 प्रतिशत करने का फैसला किया था जिसके लिए मार्च, 2023 तक की अवधि तय की गई थी। उन्होंने कहा कि जून 2024 की तिमाही से इस सीमा को चरणबद्ध ढंग से कम करते हुए फिर से 19.5 प्रतिशत पर लाया जाएगा। 
 

jyoti choudhary

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