आज से RERA शुरू करेगी काम, बिल्डर्स पर कसेगा शिकंजा

Tuesday, Aug 01, 2017 - 11:24 AM (IST)

नई दिल्ली: 1 अगस्त से लगभग सभी राज्यों में रीयल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) काम करना शुरू कर देगी। इसके बाद रीयल एस्टेट बिजनैस का पूरा स्वरूप ही बदल जाएगा। प्रोजैक्ट्स की प्री-लांचिंग के नाम पर बुकिंग नहीं हो सकेगी। अथॉरिटी में रजिस्टर्ड कराए बिना प्रोजैक्ट्स की एड नहीं दिखाई जा सकेगी। यह एक्ट पूरी तरह से खरीदारों के पक्ष में होगा। एक्ट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो खरीदारों के साथ होने वाले धोखे पर अंकुश लगाएंगे और बिल्डर्स पर शिकंजा कसेगा।

खरीदने से पहले मिलेगी सारी जानकारी
एक्ट में कहा गया है कि 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल में बनने वाले हाऊसिंग या कमर्शियल प्रोजैक्ट को रीयल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी के पास रजिस्टर कराना होगा। इसके अलावा कम से कम 8 अपार्टमैंट्स वाले प्रोजैक्ट को भी अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रेरा लागू होने के 90 दिनों के भीतर यानी जुलाई 2017 तक सभी डिवैल्पर्स को अपने प्रोजैक्ट्स रजिस्टर कराने होंगे। एक्ट में प्रॉवीजन किया गया है कि फ्लैट या प्लॉट की बुकिंग करने से पहले ही खरीदार को प्रोजैक्ट की पूरी जानकारी मिल जाएगी, जो अथॉरिटी से सैंक्शन होगी।

तय समय पर निपटेंगे मामले
घर खरीदने वालों को यह अधिकार होगा कि वे बिल्डर्स की कोई भी शिकायत रैगुलेटरी अथॉरिटी को कर सकते हैं और 60 दिन के भीतर अथॉरिटी अपना फैसला सुना देगी। रैगुलेटरी अथॉरिटी न केवल प्राइवेट बिल्डर्स की शिकायत सुनेगी बल्कि दिल्ली डिवैल्पमैंट अथॉरिटी गाजियाबाद डिवैल्पमैंट अथॉरिटी जैसी घर बनाने वाली सरकारी एजैंसियों की शिकायत भी सुनेगी।

समय पर मिलेगा घर, बिल्डर्स को होगी सजा
रीयल एस्टेट एक्ट में प्रॉवीजन किया गया है कि डिवैल्पर्स को खरीदार के साथ एग्रीमैंट करते वक्त प्रोजैक्ट पूरा होने और पोजैशन की डेट बतानी होगी। एक्ट के मुताबिक पोजैशन में देरी होने पर डिवैल्पर्स को स्टेट बैंक के रेट ऑफ  इंट्रेस्ट से 2 प्रतिशत अधिक ब्याज देना होगा। ऐसा न होने पर खरीदार रैगुलेटर से शिकायत करने पर डिवैल्पर्स को 3 साल तक की सजा हो सकती है। अगर बिल्डर आपको तय समय पर घर नहीं देता है तो उसके बदले बिल्डर को आपकी जमा राशि पर ब्याज देना होगा। ब्याज की दर लगभग 11 प्रतिशत होगी।

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