नए आईबीसी अध्यादेश से कम हुई RERA की शक्तियां

Monday, Jun 18, 2018 - 12:59 PM (IST)

मुंबईः महाराष्ट्र के रियल्टी क्षेत्र के नियामक महारेरा (महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियमन एवं विकास अधिनियम) ने घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता की शक्ति देने के सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस कदम से उसकी शक्तियां कम हुई हैं।

महारेरा के प्रमुख गौतम चटर्जी ने कहा कि रियल्टी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए रेरा एकमात्र प्राधिकरण होना चाहिए। हालांकि उन्होंने दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता (आईबीसी) के तहत घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा देकर सशक्त बनाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत भी किया। चटर्जी ने कहा, ‘‘एक नियामक के तौर पर मुझे लगता है कि यदि कोई परियोजना रेरा के पास पंजीकृत है तो उपभोक्ताओं को होने वाली हर समस्याओं का समाधान भी रेरा के द्वारा ही किया जाना चाहिए।’’      

Supreet Kaur

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