सन के हलोल संयंत्र को राहत

Saturday, Jun 09, 2018 - 03:09 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः प्रमुख दवा कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के हलोल संयंत्र को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (यूएस एफडीए) से वॉलंटरी एक्शन इंडिकेटेड (वीएआई) का दर्जा मिलने के बाद कंपनी के शेयरों में शुक्रवार को तेजी दर्ज की गई। सन फार्मा का शेयर सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 8 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।

वीएआई का मतलब यह है कि अमेरिकी दवा नियामक ने संयंत्र में आपत्तिजनक परिस्थितियां तो पाई लेकिन नियामकीय सख्ती के लिहाज से यह उतना महत्त्व नहीं रखता है। इससे दलाल पथ को हलोल संयंत्र के नाम पहले जारी की गई चेतावनी का मामला निपटने की उम्मीद है, जिससे कंपनी पर सकारात्मक असर पड़ेगा। 

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अमेय चाके ने कहा कि यूएस एफडीए ने हलोल संयंत्र को वीएआई श्रेणी में वर्गीकृत किया है, जिसका मतलब है कि संयंत्र को मंजूरी के लिए अब दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। प्रभुदास लीलाधर के सुरजीत पाल ने कहा कि संयंत्र के दर्जे में सुधार का अर्थ है कि सन फार्मा ने यूएस एफडीए के स्तर पर संतोषजनक काम किया है और अहम मसलों को हल कर लिया है। हलोल संयंत्र सन फार्मा का प्रमुख प्रमुख संयंत्र है और सितंबर 2014 से ही यह नियामकीय जांच के दायरे में है। इसे दिसंबर 2015 में चेतावनी पत्र भी जारी किया गया था।  

संयंत्र से जुड़े नियामकीय मसलों के निपटान से अमेरिका में कंपनी के कारोबार में सुधार होने की उम्मीद है। सन फार्मा की कुल आय में अमेरिकी बाजार की हिस्सेदारी 35 से 40 फीसदी है। 2014 में यूएस एफडीए की कार्रवाई से पहले तक सन फार्मा के अमेरिकी कारोबार में इस संयंत्र का योगदान 8 से 10 फीसदी था। एक ओर अमेरिका में कंपनी को कीमतों को लेकर दबाव का समाना करना पड़ रहा है, वहीं हलोल संयंत्र को चेतावनी पत्र मिलने से अमेरिकी बाजार में नए उत्पाद पेश करने में सन फार्मा को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इससे सन फार्मा के वित्तीय प्रदर्शन पर भी असर पड़ रहा था और पिछले कुछ साल में इसके शेयर में काफी गिरावट आई है। सन फार्मा का शेयर अप्रैल 2015 में 1,200 रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था जो पिछले महीने 440 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा था। 

jyoti choudhary

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