सरकार का वारः 50,000 मुखौटा कम्पनियों की रजिस्ट्रेशन रद्द

Sunday, Aug 12, 2018 - 12:50 PM (IST)

नई दिल्लीः कालेधन व मनी लांड्रिंग के मामलों को देखते हुए सरकार ने शैल (मुखौटा) कम्पनियों पर एक और वार कर दिया है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एम.सी.ए.) ने पिछले हफ्ते लगभग 50,000 कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। दिल्ली रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज (आर.ओ.सी.) ने पिछले 3 दिनों में 30,000 से अधिक कम्पनियों पर गाज गिराई और उनकी रजिस्ट्रेशन रद्द की, जबकि मुम्बई आर.ओ.सी. की तरफ  से 11,000 से अधिक कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा देश के अन्य आर.ओ.सी. से भी करीब 9000-10000 मुखौटा कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द होने की खबरें हैं। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सरकार सवा 2 लाख से ज्यादा शैल कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर चुकी है।

कम्पनियां 2 साल से नहीं कर रही थीं बिजनैस
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ये कम्पनियां पिछले 2 सालों से किसी भी तरह का बिजनैस नहीं कर रही थीं और न ही इन कम्पनियों का संचालन हो रहा था। ऐसी कुछ कम्पनियों को अगले कुछ दिनों में आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इन सभी कम्पनियों के रद्द होने की सूचनाएं भेजी गई हैं। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने लगभग 2.5 लाख कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया था जिन्होंने पिछले 2 साल में लगातार किसी तरह का लेन-देन नहीं किया था यानी जीरो टर्नओवर किया था। 

मंत्रालय बना रहा योजना 
2013 के कम्पनी अधिनियम की धारा 248 के तहत सरकार निष्क्रिय कम्पनियों के खिलाफ  कार्रवाई कर सकती है जो लगातार 2 वर्षों तक निष्क्रिय रही हैं। मंत्रालय सीमित देयता सांझेदारी (एल.एल.पी.) को कम करने की भी योजना बना रहा है।

टास्क फोर्स कर रही जांच
एम.सी.ए. के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भी इसी तरह की कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के भीतर एक टास्क फोर्स अलग-अलग आर.ओ.सी. के रजिस्ट्रारों की जांच कर रही है। देश में करीब 11 लाख से अधिक कम्पनियां सक्रिय हैं।

jyoti choudhary

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