सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में छाई है रियल एस्टेट में मंदी

punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2019 - 05:24 AM (IST)

नई दिल्ली: आज पूरी दुनिया आर्थिक मंदी के चपेट में है। वल्र्ड बैंक व आई.एम.एफ. इस बारे में कई बार कह चुका है। सबसे ज्यादा असर भारत के अलावा अमरीका और चीन पर पड़ रहा है। जिसकी वजह से इन देशों के अमीर लोगों की संपत्तियों पर भी असर पड़ रहा है। अगर बात रियल एस्टेट की करें तो भारत के साथ पूरी दुनिया में रियल एस्टेट सैक्टर भी मंदी के दौर से गुजर रहा है। 

ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडैक्स की रिपोर्ट यह बात को शत प्रतिशत साबित करती है। इस इंडैक्स में 100 सबसे अमीर लोगों की सूची में जेफ बेजोस समेत 6 लोगों की संपत्ति में गिरावट देखने को मिली है। जिनमें से 3 उद्योगपति रियल एस्टेट से हैं। बाकी 3 अलग-अलग सैक्टर से जुड़े हुए हैं। ताज्जुब की बात तो यह है इनमें से एक भी भारतीय नहीं है। 

वैश्विक आर्थिक मंदी का असर वैसे तो हर सैक्टर में देखने को मिल रहा है। भारत की बात करें तो कोर सैक्टर पूरी तरह डूबा हुआ है। वहीं रियल एस्टेट सैक्टर की हालत भी काफी खस्ता है। रियल एस्टेट सैक्टर भारत में 10 सालों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहीं दुनिया में हालत और भी बुरे हैं। खासकर चीन और अमरीका में रियल एस्टेट में मंदी इतनी बुरी तरह से छाई हुई है कि दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों की संपत्ति में कटौती देखने को मिली है। 

इन रियल एस्टेट उद्योगपतियों की संपत्ति में हुई कटौती 
पहले बात चीन के रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारी की करें तो हुई का यान दुनिया में 33वें सबसे अमीर शख्स हैं। जिनकी कुल संपत्ति 28.9 बिलियन डॉलर की है। रियल एस्टेट में मंदी के असर से उनकी संपति में 2019 में 3.3 बिलियन डॉलर की कटौती हुई है। वहीं चीन के दूसरे रियल एस्टेट कारोबारी वांग जियानलिन 16.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के 75वें सबसे अमीर शख्स हैं। 2019 में उनकी संपत्ति में 919 मिलियन डॉलर की कमी आई है। अब दुनिया के 83वें सबसे अमीर शख्स डोनाल्ड ब्रन की बात करें तो वह भी रियल एस्टेट में छाई मंदी के शिकार हैं। उनके पास 16.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति है और इस साल की कुल संपत्ति में एक बिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ है। 

भारत में रियल एस्टेट की स्थिति 
नीति आयोग की फरवरी 2019 की अनुमानित रिपोर्ट के अनुसार भारत में रियल एस्टेट का कुल कारोबार 8.3 लाख करोड़ रुपए है। जो बीते एक दशक की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है। जुलाई में आई रियल्टी कंसल्टैंट नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो देश के 8 प्रमुख शहरों मुंबई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.), बेंगलूरू, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता में 2019 की पहली छमाही में बिना बिके हुए घरों की संख्या 4,50,263 थी। ताज्जुब की बात तो यह है कि इस दौरान इन तमाम शहरों में 21 प्रतिशत नए प्रोजैक्ट्स को लांच किया गया था। 2019 के पहले 6 महीनों में मुम्बई महानगर में बिना बिके हुए फ्लैट की संख्या संख्या 1,36,525 थी और 1,30,000 बिना बिके फ्लैटों की संख्या दिल्ली एन.सी.आर. की थी। वहीं बेंगलूरू में 85,387 फ्लैट नहीं बिक पाए थे। जिसकी वजह से देश के रियल एस्टेट कारोबारियों को काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।


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Pardeep

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