बजट से निराश हुआ रियल्टी क्षेत्र

Sunday, Feb 02, 2020 - 11:03 AM (IST)

नई दिल्लीः रियल एस्टेट कंपनियों और संपत्ति को लेकर परामर्श देने वाली कंपनियों ने 2020-21 के आम बजट पर निराशा जाहिर की है। इन कंपनियों का कहना है कि बजट में रियल एस्टेट क्षेत्र की तरलता की दिक्कतें दूर करने तथा घरों की शिथिल बिक्री तेज करने का कोई उपाय नहीं किया गया है। 

क्रेडाई के राष्ट्रीय चेयरमैन जक्षय शाह ने कहा, ‘‘बजट प्रगतिशील दिशा में है। हालांकि इसमें रियल्टी क्षेत्र के लिए कोई विशेष उपाय नहीं किया गया है।'' उन्होंने किफायती आवास की मांग व आपूर्ति बढ़ाने के लिए कर लाभ देने के कदम का स्वागत किया। हालांकि उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट उद्योग को किराए पर घर को लेकर नीति, डेवलपरों के लिए एक बार में ऋण तथा किफायती आवास के लिए 45 लाख रुपए की सीमा हटाने जैसे निर्णयों की बेसब्री से प्रतीक्षा थी।

नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘तरलता पूरी अर्थव्यवस्था के लिये अहम चुनौती है लेकिन रियल एस्टेट के लिए यह विशिष्ट चुनौती है। इस दिशा में कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है।'' एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि बजट में दीर्घकालिक उपायों पर अधिक ध्यान दिया गया है लेकिन यह रियल एस्टेट क्षेत्र की दिक्कतें त्वरित तौर पर दूर करने से चूक गया है। उन्होंने कहा, ‘‘किफायती आवास को बढ़ावा देने तथा व्यक्तिगत आयकर में राहत देने के अलावा आवास क्षेत्र की मौजूदा दिक्कतों को दूर करने की दिशा में कोई बड़ा लाभ नहीं मिला है।'' 

सीबीआरई के चेयरमैन एवं सीईओ (भारत, दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमन मैगजीन ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने अंतिम छोर तक देश की बुनियादी संरचना को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए एक प्रगतिशील बजट पेश किया है और अर्थव्यवस्था की हर श्रेणियों को छुआ है।'' नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि बजट रियल एस्टेट क्षेत्र की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। प्रॉप टाइगर और हाउसिंग डॉट कॉम के सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि इस बजट में सरकार ने व्यक्तिगत आयकर के बोझ में राहत देने की कोशिश की है। जेएलएल इंडिया के सीईओ अनुज पुरी ने कहा कि बजट में किफायती आवास पर ध्यान दिया गया है लेकिन हमें रियल एस्टेट क्षेत्र पर बजट से कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है।

jyoti choudhary

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