कोरोना संकट बढ़ने के बाद सरकार से इस तरह की मदद मांग रही हैं रियल्टी कंपनियां

Monday, May 10, 2021 - 05:22 PM (IST)

मुंबईः महाराष्ट्र के रियल एस्टेट डेवलपर ने अब राज्य सरकार से कोरोना संक्रमण के दौर में दी जा रही सुविधाओं को आगे बढ़ाने की मांग की है। इसमें डेवलपमेंट सेस और प्रीमियम की घटी हुई रकम शामिल है। रियल एस्टेट डेवलपर्स चाहते हैं कि साल 2021 के अंत तक इस तरह की सुविधाओं को जारी रखा जाए। कोविड-19 महामारी के सेकंड वेव की वजह से रियल एस्टेट मार्केट की हालत खराब है और इस वजह से डेवलपर अब सरकार से इस तरह की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र के डेवलपर के इस तरह की मांग को आगे बढ़ाने के बाद संभावना जताई जा रही है कि देश भर के रियल एस्टेट डेवलपर अब डेवलपमेंट सेस और प्रीमियम में कटौती करने की मांग कर सकते हैं।

बृहन्मुंबई डेवलपर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल हाल में ही राज्य सरकार से इस बारे में मिला था। कई नगर निगम के कमिश्नर और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ने रियल्टी कंपनियों पर डेवलपमेंट चार्जेस, सेस,एफएआर प्रीमियम और एडिशनल फ्लोर इंडेक्स के लिए प्रीमियम आदि की रकम में अगस्त 2019 में कटौती कर दी थी। इस तरह की कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को लागत घटाने में काफी मदद मिली थी। अगस्त 2019 से शुरू की गई यह सुविधा 2 साल के लिए दी गई थी जो इस साल अगस्त में खत्म हो जाएगी।

महाराष्ट्र में कोरोना मरीज का संकट शुरू होने के बाद हाउसिंग सेक्टर वास्तव में बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। साल 2019 में दी गयी इस राहत का फायदा कुछ प्रोजेक्ट ही उठा पाए थे। मार्च 2020 में देश व्यापी लॉकडाउन के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर की स्थिति खराब हो रही थी। बृहन्मुंबई डेवलपर्स एसोसिएशन (BDA) ने महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे एक पत्र में कहा, "हाउसिंग सेक्टर महाराष्ट्र सरकार से राहत की मांग करता है। कोरोनावायरस संकट खत्म होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में रिकवरी शुरू हुई थी लेकिन कोरोना के दूसरे वेव की वजह से इंडस्ट्री फिर से संकट में आ गई है।"

jyoti choudhary

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