बजट 2017-18: रियल एस्टेट को मिली अधूरी आशा

Saturday, Feb 04, 2017 - 12:18 PM (IST)

जालंधरः बजट 2017-18 से जो उम्मीद रियल एस्टेट सैक्टर को थी, वह मनमाफिक पूरी नहीं हुई लेकिन इस बजट से बिल्डरों सहित निवेशकों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि इसके बाद भी रियल एस्टेट सैक्टर में जल्द बूम नहीं आने वाला और न ही बिल्डर्स के रुके प्रोजैक्ट पूरे होने वाले हैं। बजट में जहां सरकारी ढांचे के तहत रियल एस्टेट सैक्टर के ढांचे को मजबूत करने की कोशिश की गई है वहीं लोन सहित इस सैक्टर के लिए सरकार ने कोई रियायत नहीं दी है। यही नहीं इस सैक्टर से जुड़े किसी भी उद्योग को बड़ी राहत नहीं मिली है जिसके चलते आम आदमी का सस्ते मकान और जल्द घर का सपना साकार हो सके। हालांकि यह बजट मध्यमवर्गीय लोगों के लिए सरकार की तरफ से एक तोहफा है,क्योंकि टैक्स छूट के चलते इस सैक्टर की तरफ अब इस वर्ग के लोगों का रुझान बढ़ सकता है। 

यह नहीं मिला इस सैक्टर को कंस्ट्रक्शन पर बदले टैक्स छूट नियम
अभी उसका पजैशन 3 साल में मिलने पर होम लोन के ब्याज पर 2 लाख इन्कम टैक्स में छूट मिलती है। 3 साल के बाद पजैशन मिलने पर सिर्फ 30 हजार की छूट मिलती है। सरकार इसको बदले और प्रोजैक्ट लेट होने पर भी फाइनैंशियल सिक्योरिटी प्रदान करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते यह सैक्टर निराश हुआ है।

जी.एस.टी. में हाऊसिंग कम टैक्स दायरे में हो
अभी तक जी.एस.टी. लागू नहीं हुआ है लेकिन सरकार ने ऐलान कर दिया है कि इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा। हाऊसिंग हर किसी से सीधे जुड़ा हुआ है, ऐसे में वित्त मंत्री से उम्मीद थी कि इस सैक्टर को जी.एस.टी. के कम टैक्स वाले दायरे में रखा जाएगा जिससे इस सैक्टर को लाभ और घर की कीमत आम आदमी की पहुंच के अंदर रहेगी लेकिन अभी तक इस पर कुछ खास नहीं किया गया है। इस बजट में भी इस सैक्टर के लिए ऐसी छूट के बारे में वित्तमंत्री  ने कोई संकेत नहीं दिए।

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