कमर्शियल रियल एस्टेट की नींव हुई मजबूत

punjabkesari.in Wednesday, Dec 16, 2015 - 11:35 AM (IST)

मुंबईः 3 साल के बाद इंडिया इंक का कॉन्फिडेंस बढ़ने और आर्थिक तरक्की की रफ्तार में स्थिरता आने से इस साल कमर्शियल रियल एस्टेट सेगमेंट में टर्नअराउंड हुआ है। इस साल देश के टॉप 8 प्रॉपर्टी मार्कीट में 3.5 करोड़ वर्गफुट ऑफिस स्पेस की सेल हुई या लीज पर दी गई है। यह साल 2011 के बाद ऑफिस स्पेस की सबसे ज्यादा खपत है। इस दौरान नेट डिमांड (जिसमें ऑफिस स्पेस की लीज और सेल दोनों शामिल हैं) 17.1 फीसदी बढ़ा है।

ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के चलते रेंट के निचले लेवल पर आने के चलते 2011 में कुल 3.7 करोड़ वर्गफुट स्पेस की मांग निकली थी। हालांकि, इस बार यह कंपनियों की तरफ से उनके ग्रोथ प्लान लागू किए जाने की वजह से हो रहा है। यह बात प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट में सामने आई है। 

जेएलएल इंडिया के चेयरमैन और कंट्री हेड अनुज पुरी के मुताबिक, ''''इस साल ऑफिस स्पेस की डिमांड खासतौर पर IT/IT इनेबल्ड सर्विसेज, ई-कॉमर्स, स्टार्टअप्स और बड़ी कंसल्टिंग कंपनियों की तरफ से आई है। एफएमसीजी, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस, मैन्युफैक्चरिंग, टैलीकॉम और फार्मा जैसे दूसरे सैक्टर्स की कंपनियां प्रॉपर्टी स्पेस मार्कीट में नहीं आई हैं लेकिन वे यहां 2016 और 2017 में आ सकती हैं। अगले साल खासतौर पर बड़ी आईटी कंपनियों की तरफ से बिल्ट टु सूट प्रॉपर्टीज की भी डिमांड आ सकती हैं।''''

2015 में जिस तरह रियल एस्टेट स्पेस की खपत हुई है, वह 2011 जैसी है। इस साल नए और पुराने दोनों तरह का ऑफिस स्पेस यूज हुआ है जबकि पहले नई बिल्डिंग्स में ऑफिस स्पेस लिया जाता था। इस साल इस सेगमेंट में बड़े ट्रांजैक्शन हुए हैं। फ्लिपकार्ट ने देश की सबसे बड़ी ऑफिस स्पेस लीजिंग डील में बेंगलुरु में 20 लाख वर्ग फुट कस्टम बिल्ट ऑफिस कैंपस लीज पर लिया है। इस साल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी ठाणे के हीरानंदानी एस्टेट में 15 साल के लिए 20 लाख वर्ग फुट बिल्ट टु सूट स्पेस लीज पर लिया है। ऑफिस स्पेस की खरीदारी की डील में दिग्गज फार्मा कंपनी एबॉट ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में लगभग 1,479 करोड़ रुपए से गोदरेज प्रॉपर्टीज के कमर्शियल प्रोजेक्ट में 5 लाख वर्गफुट स्पेस खरीदा है।

कमर्शियल रियल्टी सैक्टर में मोमेंटम फिर से आने का मतलब यह है कि इकनॉमी की सेहत और कमर्शियल रियल्टी सेल्स में जारी तेजी आनेवाले समय में रोजगार सृजन के लिए भी शुभ संकेत हैं। इनवेस्टर्स और ऑक्युपायर्स दोनों की तरफ से हुई डील से लगता है कि ऑफिस प्रॉपर्टी मार्कीट में सेंटिमेंट बेहतर हो रहा है। हालांकि अभी देशभर में लगभग 16 फीसदी ऑफिस स्पेस अभी खाली है लेकिन असल वेकेंसी 8 से 9 फीसदी हो सकती है क्योंकि जरूरी नहीं कि खाली जगह कंपनियों की जरूरत के मुताबिक हो।


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