लोकप्रिय हो रही है ऑनलाइन प्रॉपर्टी शॉपिंग

Sunday, Sep 25, 2016 - 03:25 PM (IST)

जालंधरः घर खरीदने की प्रक्रिया अब रियल एस्टेट एजैंट द्वारा खरीदार को अलग-अलग सम्पत्तियां दिखाने तथा उसकी पसंद की सम्पत्ति के मालिक से उसकी मुलाकात करवा कर सम्पत्ति के लेन-देन को अंतिम रूप देने तक ही सीमित नहीं है। आजकल हर चीज ऑनलाइन बिक रही है और लोग भी जम कर इंटरनैट पर विभिन्न चीजों की खरीदारी कर रहे हैं। अब तो प्रॉपर्टी भी इस रुझान से अछूती नहीं रही हैं और इनकी बिक्री भी ऑनलाइन शुरू हो चुकी है। सम्पत्ति खरीदने से लेकर किराए पर चढ़ाने तक का काम अब ऑनलाइन हो रहा है। इंटरनैट खरीदारों व विक्रेताओं के लिए एक-दूसरे से सम्पर्क का एक बेहद आसार जरिया बन गया है क्योंकि ऐसा अब वे घर बैठ कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रॉपर्टी एजैंट या डीलरों की जरूरत नहीं होती है।  ऑनलाइन सम्पत्ति की तलाश तथा खरीदारी तक का रुझान तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इससे लोगों के समय तथा पैसों दोनों की बचत हो रही है। 

समय तथा वक्त दोनों बचते हैं
सबसे बड़ा लाभ तो यही है कि लोग घर बैठे देश के किसी भी अन्य शहर में सम्पत्तियों की तलाश ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में काम कर रहा है और वह गुडग़ांव या किसी अन्य शहर में सम्पत्ति खरीदना चाहता है तो व्यक्तिगत रूप से ऐसा करना उसके लिए बहुत कठिन होगा विशेषकर यदि वह नौकरीपेशा हो। बार-बार दूसरे शहर से जाकर प्रॉपर्टी डीलरों से मिलना तथा सम्पत्तियों को जाकर देखने का वक्त तथा संसाधान आमतौर पर लोगों के पास नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन प्रॉपर्टी सर्च बहुत काम आती है। 

घर बैठा व्यक्ति कई डिवैल्परों की परियोजनाओं के बारे में जान सकता है तथा सैम्पल फ्लैट भी कम्प्यूटर पर ही देख सकता है। विभिन्न लोकेशनों के बारे में भी वह जान सकता है। ऑनलाइन सर्च करके दो-तीन मकानों का चयन करने के बाद वह एक या दो बार जाकर उन्हें देख कर अपना अंतिम फैसला ले सकता है। इससे उसका वक्त तथा पैसा दोनों बचते हैं और यह कहीं ज्यादा सुविधाजनक व सुरक्षित तरीका भी है। 

आंकड़े हैं गवाह
ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते रुझान को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले वक्त में 30 प्रतिशत घरों की बिक्री ऑनलाइन ही होगी। हाल ही में एक प्रमुख रियल्टी कम्पनी ने 400 करोड़ रुपए मूल्य के 700 आवास ऑनलाइन माध्यम से ही बेचने में सफलता पाई है। 

एक अन्य रियल एस्टेट कम्पनी का दावा है कि वह इंटरनैट के माध्यम से प्रत्येक दो दिनों में एक आवास बेच रही है। जाहिर है कि डिवैल्परों को इंटरनैट के रूप में सीधे ग्राहकों से सम्पर्क करने का एक नया माध्यम मिल गया है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार गत कुछ वर्षों के दौरान रियल एस्टेट बाजार में हुई 43 बिलियन डॉलर की खरीदारी उस ऑनलाइन रिसर्च से ही प्रेरित थी जो खरीदारों द्वारा की गई थी। इतना ही नहीं, इसके अनुसार भारत में ही इस कम से कम 80 लाख लोग रियल एस्टेट की जानकारी के लिए इंटरनैट पर सर्च करते हैं। 

सावधान भी रहें
बेशक ऑनलाइन खरीददारी बेहद सरल है परंतु इसमें भी जोखिम हो सकता है। सम्पत्ति की सर्च तो इंटरनैट पर ठीक है परंतु उसे खरीदने से पहले खरीदारों को कम से कम एक-दो बार जाकर उसे खुद देखना चाहिए। ऑनलाइन दिए गए सम्पत्ति के सभी विवरण जैसे कि कार्पेट तथा बिल्ट अप एरिया आदि की भी धरातल पर पूर्ण जांच आवश्यक है। साथ ही साथ उसके सभी दस्तावेजों तथा स्वीकृतियों की भी पूरी पड़ताल तथा उनकी सत्यता की जांच भी जरूरी है। 

बढ़ रहा है प्रभाव
ऑनलाइन प्रॉपर्टी सर्च तथा खरीदारी का बढ़ता रुझान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है जिसका प्रभाव भी दिखाई दे रहा है। इसकी वजह से रियल एस्टेट एजैंटों के काम पर कुछ न कुछ असर तो हुआ है। देखा जा रहा है कि अब ऑनलाइन प्रॉपर्टी वैबसाइट्स के लोकप्रिय होने के बाद से महानगरों में विशेष रूप से रियल एस्टेट एजैंटों की पहले की तुलना में मांग कम हो रही है। 

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