रियल एस्टेट कानून में उपभोक्ता, डेवलपर्स के हित साधने का संतुलित प्रयास: सरकार

Wednesday, Nov 23, 2016 - 05:46 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने कहा है कि रियल एस्टेट कानून में उपभोक्ता, डेवलपर्स और एजेंट सभी की जरूरतों के बीच संतुलन बैठाने का प्रयास किया गया है। कानून पर अमल आगे बढऩे के साथ इसमें और सुधार होगा और आने वाले समय में परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी। आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में संयुक्त सचिव राजीव रंजन ने यहां एक कार्यक्रम में यह बात कही।  

रंजन ने वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) और रियल एस्टेट कानून नियमन के बीच तारतम्य बैठाने संबंधी दस्तावेज को जारी करते हुए कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम रियल एस्टेट कानून पर अमल करते हुए आगे बढ़ेंगे इसमें पेशेवर तौर तरीके बढऩे लगेंगे और एक स्थिति एेसी आएगी जब परियोजनाओं के तहत आवंटन तय समय सीमा के अनुरूप होने लगेगा।’’ उन्होंने कहा कि गुजरात और उत्तर प्रदेश इन दो राज्यों ने रियल एस्टेट कानून के तहत नियमों को 31 अक्तूबर से पहले अधिसूचित कर दिया है और कई राज्यों में इस पर काम काफी आगे बढ़ चुका है। ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि इस कानून का क्रियान्वयन जमीन पर जल्द से जल्द शुरू होगा और इसका लाभ क्षेत्र में ग्राहकों, डेवलपरों और अन्य सभी को मिलने लगेगा।’’ 

भूमि, संपत्ति, निर्माण और इससे जुड़े पर्यावरण संबंधी मुद्दों में गुणवत्ता और मानक की स्व:नियमन वाली पेशेवराना संस्थान रिक्स ने रिक्स स्कूल ऑफ बिल्ट एनवायरनमेंट, एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर मंगलवार को ‘डिकोडिंग जी.एस.टी. एण्ड रियल एस्टेट रेगुलेशन’ पर श्वेत पत्र जारी किया। संयुक्त सचिव राजीव रंजन ने इसे जारी किया। रॉयल इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (रिक्स) के वैश्विक प्रबंध निदेशक (उभरता व्यवसाय) सचिव संधीर ने कहा कि जारी किए गए श्वेत पत्र के मुताबिक जी.एस.टी. से रियल एस्टेट डेवलपर्स का ध्यान अधिक मात्रा और निम्न एवं मध्यम आय वर्ग की तरफ बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जी.एस.टी. से सस्ते मकानों के वर्ग में रियल एस्टेट लागत कम होगी जबकि प्रीमियम वर्ग में इसकी लागत बढ़ेगी। रियल एस्टेट बाजार का बड़ा हिस्सा मध्यम से उच्च आय वर्ग की तरफ बढऩे लगा है लेकिन हम देखेंगे कि डेवलपर्स विशेषतौर से छोटे डेवलपर जी.एस.टी. का लाभ उठाने के लिए अपना ध्यान निम्न आय वर्ग के आवास की तरफ बढ़ाएंगे।’’  
 

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