कर्ज घटाने को RCom में बड़ी हिस्सेदारी बैंकों को सौंपेंगे अनिल अंबानी

punjabkesari.in Tuesday, Oct 31, 2017 - 11:36 AM (IST)

नई दिल्लीः अनिल अंबानी की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने अपने 45,000 करोड़ रुपए के ऋण के पुनर्गठन के लिए एक नई योजना की पेशकश की जिसमें 7,000 करोड़ रुपए के कर्ज को बैंकों द्वारा इक्विटी में बदलना तथा बहुलांश हिस्सेदारी उन्हें सौंपना शामिल है। कंपनी ने यह पेशकश ऐसे समय में की है जबकि उसकी एयरसेल के साथ विलय सहित कई अन्य योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाईं। अगर यह ताजा बचाव प्रयास सिरे चढ़ जाता है तो एस.बी.आई. की अगुवाई वाले बैंकों को इस कंपनी में कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी जबकि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटकर आधी या लगभग 26 प्रतिशत रह जाएगी।

कंपनी बेचेगी करोड़ों की संपत्ति
कंपनी के कार्यकारी निदेशक पुनीत गर्ग ने कहा है कि ऋण पुनर्गठन योजना में आरकॉम द्वारा 17,000 करोड़ रुपए के ऋण के भुगतान के लिए आस्तियों की बिक्री के जरिए धन जुटाना शामिल है। उन्होंने कहा कि हालांकि, आस्तियों का कुल मूल्य 30,000 करोड़ रुपए से अधिक है लेकिन वे केवल 17,000 करोड़ रुपए जुटाने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10,000 करोड़ रुपए रीयल एस्टेट आस्तियों की बिक्री व वाणिज्यिक विकास के जरिए जुटाए जाने हैं। इन आस्तियों में नई मुंबई के निकट धीरूभाई अंबानी नालेज सेंटर शामिल है जो 100 एकड़ में फैला है। कंपनी 14,000 करोड़ रुपए मूल्य के अपने 122 मेगाहटर्ज स्पेक्ट्रम को भी बोली के लिए पेश करेगी।  गर्ग ने कहा कि कंपनी अपने टावर कारोबार से 7000 करोड़ रुपए, आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से 3000 करोड़ रुपए, डेटा सेंटरों की बिक्री से 4000 करोड़ रुपए जुटा सकती है।

कर्ज चुकाने को दिसंबर 2018 तक का समय
उल्लेखनीय है कि आरकॉम के पास कर्ज चुकाने के लिए दिसंबर 2018 तक का समय ऋण पुनर्गठन समझौते के तहत है लेकिन उसे भरोसा है कि वह आस्तियों के जरिए धन जुटाने का काम मार्च 2018 तक कर लेगी। ऋणदाताओं ने नई मौद्रीकरण योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एस.बी.आई. कैप को नियुक्त किया है।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News