RBI के नए गवर्नर के सामने आई यह बड़ी मुश्किल

Friday, Sep 16, 2016 - 01:11 PM (IST)

जालंधरः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के नए गवर्नर उर्जित पटेल इन दिनों एक नई समस्या से परेशान हैं। यह समस्या ब्याज दरों और मुद्रा से संबंधित नहीं है क्योंकि इन पर तो इनका कुछ हद तक नियंत्रण है। यह समस्या है आर.बी.आई. के बोर्ड में खाली पड़ी सीटों की। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक का केंद्रीय बोर्ड, जो केंद्रीय बैंक के लिए व्यापक दिशा प्रदान करता है में इस समय16 निदेशक केंद्र की ओर से नामित पदों में से 8 खाली पड़े हैं, जिनमें 2 और सदस्यों का अगले महीने कार्यकाल समाप्त होने वाला है। ऐसे में आर.बी.आई. को काम से संबंधित काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 


पिछले वर्ष सितंबर और अक्तूबर में बोर्ड लेवल के 7 सदस्यों के पद छोड़ने के बाद सरकार ने मार्च 2016 में 3 नए निदेशकों की नियुक्ति की थी। सरकार द्वारा चुने गए 10 निर्देशक में से एक दामोदर आचार्य शीघ्र ही अपने कार्यकाल को पूरा करने वाले हैं।इसके साथ ही केंद्र ने 2 सरकारी अधिकारियों को बोर्ड के लिए नामित किया है। वर्तमान प्रत्याशियों में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास और सचिव वित्तीय सेवा कर की अनजुली चिब दुग्गल का नाम है।


स्थानीय बोर्ड

एक पूर्ण भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड के रुप में राज्यपाल और 4 डिप्टी गवर्नर, प्रत्याशियों के रूप में 2 सरकारी अधिकारियों, विभिन्न पृष्ठभूमियों से 10 निदेशक और 4 स्थानीय बोर्डों का एक सदस्य सरकार द्वारा नामित किया गया है।  


स्थानीय बोर्डों से 4 निदेशकों में से 3 पद खाली हैं। पूर्वी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने केवल एक ही सदस्य नचिकेत मोर इस समय वर्तमान बोर्ड में है जिनका कार्यकाल भी जल्द ही खत्म होने वाला है। उर्जित पटेल को भी गवर्नर बनाने के बाद भी  उनका पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में स्थानीय बोर्ड के सदस्यों की कमी के कारण एक साल से भी अधिक समय से सही तरीके से काम नहीं हो पाया। एक केंद्रीय बैंकिंग सूत्र के मुताबिक सरकार को इन रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरना चाहिए। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही पटेल को इस समस्या से निजात दिलाएगी।

Advertising