RBI ने छोटा कर्ज देने वाली कंपनियों पर कसा शिकंजा, मनमाना ब्याज लेने पर लगाई रोक

Tuesday, Mar 15, 2022 - 03:12 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आरबीआई ने कर्ज में डूबे उन ग्राहकों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (संस्थानों) से कोई कर्ज लिया है या लेने वाले हैं। दरअसल, आरबीआई ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से दो टूक कहा है कि वे कुछ शर्तों के साथ लोन की ब्याज दर तय कर सकती हैं लेकिन ग्राहकों से ज्यादा ब्याज नहीं वसूल सकती हैं क्योंकि ये शुल्क और दरें केंद्रीय बैंक की निगरानी के दायरे में होंगी।

इसके साथ ही इन कंपनियों को तीन लाख रुपए तक सालाना कमाई वाले परिवारों को बिना किसी गारंटी के लोन देना होगा। इससे पहले यह कर्ज सीमा ग्रामीण कर्जदाताओं के लिए 1.2 लाख रुपए और शहरी कर्जदाताओं के लिए दो लाख रुपए थी। आरबीआई का यह नया नियम एक अप्रैल 2022 से लागू होगा।

ज्यादा ब्याज नहीं वसूल सकतीं कंपनियां
केंद्रीय बैंक ने दिशा निर्देश में कहा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को कर्ज से जुड़े शुल्कों की एक लिमिट तय करनी होगी। इसका मतलब है कि ये कंपनियां ग्राहकों से मनमाना ब्याज नहीं वसूल सकती हैं। इसके साथ ही सभी रेगुलर इकाइयों को निदेशक-मंडल की अनुमति वाली एक नीति लागू करनी चाहिए। इसमें माइक्रो फाइनेंस लोन की कीमत, कवर, ब्याज दरों की अधिकतम सीमा और सभी अन्य शुल्कों के बारे में स्पष्टता लानी होगी।

समय से पहले कर्ज चुकाने पर जुर्माना नहीं
अपने नए दिशा-निर्देशों में आरबीआई ने कहा है कि प्रत्येक रेगुलर इकाई को एक संभावित कर्जदार के बारे में कीमत-संबंधी जानकारी एक फैक्टशीट के रूप में देनी होगी। कर्ज लेने वाला अगर अपने कर्ज को समय से पहले चुकाना चाहता है तो उस पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए। हालांकि, अगर किस्त के भुगतान में देरी होती है तो माइक्रो फाइनेंस कंपनियां ग्राहक पर जुर्माना लगा सकते हैं लेकिन वह भी पूरे कर्ज की राशि पर नहीं बल्कि बकाया राशि पर ही।

jyoti choudhary

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