2 लाइसैंसी के भुगतान बैंक योजना छोडऩे से नाखुश हैं मुंदड़ा

Tuesday, May 24, 2016 - 02:06 PM (IST)

मुंबई: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंदड़ा ने भुगतान बैंक की स्थापना के लिए सैद्धान्तिक रूप से लाइसेंस पाने वाली दो इकाइयों द्वारा अपनी योजना छोडऩे पर नाराजगी जताई है।   

 

मुंदड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से कुछ नाखुश हैं क्योंकि रिजर्व बैंक को इन आवेदनों की पड़ताल में काफी मेहनत करनी पड़ी है। पिछले सप्ताह सनफार्मा के संस्थापक ने आई.डी.एफ.सी. बैंक और टैलीनॉर के साथ भुगतान बैंक लाइसैंस की दौड़े से हटने की घोषणा की थी। इससे कुछ माह पहले चोलामंडलम समूह ने भुगतान बैंक स्थापित करने की योजना छोड़ी थी। पिछले साल अगस्त में रिजर्व बैंक ने डाक विभाग सहित 11 आवेदकों को भुगतान बैंक की स्थापना की सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी। इनमें आदित्य बिड़ला नूवो, एयरटेल एम कामर्स सर्विसेज, फिनो पेटेक, नैशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और वोडाफोन एम पैसा शामिल हैं।   

 

सांघवी के अलावा पेटीएम के विजय शेखर शर्मा भी सफल आवेदक रहे थे। यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक दौड़ से हटने वाली इकाइयों पर प्रोसेसिंग शुल्क लगा सकता है, मुंदड़ा ने कहा कि मौजूदा नियमनों के तहत इसका विकल्प नहीं है। यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय बैंक यूनिवर्सल बैंक के लिए पहला लाइसैंस कब जारी करेगा, मुंदड़ा ने कहा कि इसकी समयसीमा नहीं है। 

 

इससे पहले इसी महीने रिजर्व बैंक ने ऑन टैप यूनिवर्सल बैंक लाइसैंस जारी करने के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा जारी किया था। मुंदड़ा ने कहा कि भुगतान बैंक और लघु वित्त बैंकों के अलावा कुछ अन्य श्रेणियों में भिन्न लाइसैंस देने की भी गुुंजाइश है।  

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