RBI MPC बैठक में बड़ा फैसला, बैंकों को दिया तोहफा
punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2024 - 11:58 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा गया है, जबकि कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 4.5% से घटाकर 4% कर दिया गया है।
बैंकों को मिलेगी राहत
सीआरआर घटाने से बैंकों के पास नकदी की कमी नहीं होगी, जिससे लिक्विडिटी संकट से निपटा जा सकेगा। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त धन प्रवाह होगा। पिछले 24 महीनों में यह पहला मौका है जब सीआरआर में बदलाव किया गया है।
महंगाई पर नजर
रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय महंगाई को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है। वहीं, सीआरआर में कटौती बैंकों को अधिक लोन देने और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने में मदद करेगी।
सीआरआर का महत्व
कैश रिजर्व रेशियो (CRR) वह हिस्सा है जिसे वाणिज्यिक बैंक अपनी कुल जमा का एक निश्चित प्रतिशत आरबीआई के पास जमा करते हैं। यह प्रणाली में स्थिरता बनाए रखने और अर्थव्यवस्था में नकदी की आपूर्ति को नियंत्रित करने में मदद करता है।
सीआरआर में बदलाव के फायदे
- बैंकों को अतिरिक्त नकदी: सीआरआर में कटौती से बैंकों के पास अधिक धनराशि होगी, जिसे आय अर्जित करने वाली परिसंपत्तियों में बदला जा सकेगा।
- उधार देने की क्षमता बढ़ेगी: बैंकों को अधिक ऋण देने की क्षमता मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- लिक्विडिटी संकट का समाधान: बैंकों को नकदी की कमी से राहत मिलेगी।
आरबीआई की रणनीति
आरबीआई जब अर्थव्यवस्था में नकदी और ऋण की आपूर्ति बढ़ाना चाहता है, तो वह सीआरआर को घटाता है। यह कदम आरबीआई की आसान मौद्रिक नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को गति देना है। यह बदलाव त्योहारों के मौसम में बाजार में नकदी की मांग को पूरा करने और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है।