रुपए को सहारे के लिए RBI ने की डॉलर की रिकार्ड बिक्री

Tuesday, Oct 16, 2018 - 10:37 AM (IST)

मुंबईः रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने रुपए की गिरावट पर काबू पाने के लिए इस साल अप्रैल से इतने डॉलर बेच डाले, जितने उसने इसी अवधि के दौरान पिछले 5 साल में कभी नहीं बेचे थे। भारत सहित इमर्जिंग मार्कीट्स से विदेशी निवेशकों के अपना निवेश निकालने से भी रुपए पर दबाव आया है।

आर.बी.आई. के ताजा डाटा के अनुसार अप्रैल से अगस्त तक के 5 महीनों में केन्द्रीय बैंक ने करीब 34 अरब डॉलर बेचे। इनमें से 18.6 अरब डालर की बिक्री स्पॉट मार्कीट में और 15 अरब डॉलर की बिक्री फॉरवर्ड मार्कीट में की गई। अप्रैल-अगस्त 2013 के बाद से यह इसका उच्चतम स्तर है। तब आर.बी.आई. ने स्पॉट और फॉरवर्ड मार्कीट में मिलाकर लगभग 20 अरब डॉलर बेचे थे।

सरकार ने उठाए कई कदम
रुपए की गिरावट थामने के लिए आर.बी.आई. के डॉलर बेचने के अलावा सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने इम्पोर्ट घटाने के कदमों के अलावा विदेश से उधार लेने के नियमों को नरम किया है ताकि डॉलर की आवक बढ़े। हालांकि इस बात को लेकर बहस चल रही है कि कुछ और बड़े कदमों की जरूरत है या नहीं। सिंगापुर बेस्ड डी.बी.एस. बैंक की इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा कि इन उपायों से रुपए में कमजोरी की रफ्तार घटाने में मदद मिलेगी लेकिन इससे रुपए की चाल नहीं बदलेगी। 

FPI ने की 10 अरब डॉलर से ज्यादा की निकासी
फॉरेन पोर्टफोलियो इनवैस्टर्स (एफ.पी.आई.) ने 2018-19 की पहली छमाही में 10 अरब डॉलर से ज्यादा की निकासी की है। अप्रैल-सितम्बर 2013 के दौरान उन्होंने 7 अरब डॉलर से कुछ ज्यादा रकम निकाली थी। हालांकि तब के मुकाबले करंट अकाऊंट डैफिसिट का मामला अभी बेहतर है। 2013 की उस अवधि में करंट अकाऊंट डैफिसिट चढ़कर जी.डी.पी. के 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया था, जिसके अब 2.4 प्रतिशत पर होने का अनुमान है। साथ ही इंपोर्ट बिल पर सबसे बड़ा असर डालने वाली क्रूड ऑयल की कीमत अब 70 डॉलर के आसपास है, जो 2013 में 100 डॉलर से ऊपर थी।

Supreet Kaur

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