महंगाई से ज्यादा ग्रोथ पर है RBI गवर्नर पटेल का फोकस

Monday, Sep 26, 2016 - 11:42 AM (IST)

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के गर्वनर ऊर्जित पटेल ने पहली बार 'बाहरी' लोगों से बातचीत में महंगाई के खतरे को कम तवज्जो दी और ग्रोथ पर फोकस बढ़ाने पर जोर दिया। 5 सितंबर को आर.बी.आई. के गर्वनर बने पटेल ने मीडिया से दूरी बनाए रखी थी और कोई बयान देने से परहेज किया था। हालांकि पिछले सप्ताह पटेल ने कुछ सीनियर इकनॉमिस्ट्स के साथ चर्चा की। हालांकि पटेल ने जिस तरह खुलकर बात की और कुछ मामलों में अपनी निजी राय सामने रखी, उससे उनके साथ चर्चा करने वालों ने संकेत लिया है कि आगामी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में आर.बी.आई. नरम रुख अपना सकता है।  

मीडिया की नजरों से दूर हुई इस बैठक में शामिल होने वालों ने यह नतीजा निकाला है कि अक्तूबर की मॉनेटरी पॉलिसी में अगर ब्याज दरों में कमी नहीं की जाए तो भी ब्याज दरों और लिक्विडिटी के मामले में आर.बी.आई. का रुख नरम रह सकता है। ब्याज दरों पर अब कोई भी फैसला 6 सदस्यों की नवगठित मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी करेगी, जिसमें पटेल मेंबर हैं।

बैठक में हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया, 'गवर्नर की सोच यह है कि जी.एस.टी. लागू होने से महंगाई सिर नहीं उठाएगी। उन्होंने कहा कि कई चीजों के दाम घटेंगे और इससे कंजम्प्शन के दूसरे आइटम्स की कीमतों में बढ़ौतरी का असर कुछ हद तक घटाने में मदद मिलेगी। उनका यह भी मानना है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेंक्स के कैलकुलेशन में पब्लिक सेक्टर हाऊसिंग और रेंट को दिया गया वेटेज घटाया जाना चाहिए। पटेल ने अर्थशास्त्रियों के एक ग्रुप से इस पर अनौपचारिक बातचीत की थी कि वैट घटाया जाना चाहिए या नहीं।' हाल में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महंगाई घट रही है, जबकि इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन ग्रोथ नेगेटिव टेरिटरी में चली गई है।

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