RBI ने जताई चिंता, कोरोना की वजह से तेजी से घट रही भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ

Friday, Apr 10, 2020 - 10:51 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया दोहरी मार से जूझ रही है। एक तरफ संक्रमण फैलने से लोगों की मौत हो रही है और दूसरी तरफ इकोनॉमी पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। इससे अब भारतीय अर्थव्यवस्था भी बची नहीं रह पाई है। RBI ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में लिखा है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था की रिकवरी तेजी से खत्म हो रही है। RBI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साउथ एशिया के इंजन की ग्रोथ इस महामारी की वजह से कमजोर पड़ रही है।

रिजर्व बैंक ने लिखा है कि महामारी का संक्रमण फैलने से पहले वित्त वर्ष 2020-2021 की ग्रोथ को लेकर हम उत्साहित थे लेकिन अब इसकी ग्रोथ तेजी से घटती जा रही है। ग्लोबल इकोनॉमी 2020 में स्लोडाउन में जा सकती है। इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 2019 के आखिरी तीन महीनों में पिछले छह साल में सबसे कम रही। इसकी वजह से हमने पूरे साल की ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी लगाया था जो पिछले 10 साल में सबसे कम है।

ट्रेड में राहत की बात बस इतनी है कि इंटरनेशनल क्रूड प्राइस में नरमी बनी हुई है लेकिन इससे भी इकोनॉमिक ग्रोथ की भरपाई नहीं की जा सकती क्योंकि लॉकडाउन की वजह से मांग कम है। RBI ने फिर एकबार कहा है कि अभी अनिश्चितता बहुत ज्यादा है इसलिए GDP को लेकर अभी कोई अनुमान जारी नहीं करेगा। RBI ने कहा कि अभी वह Covid-19 के संक्रमण का आकलन कर रहा है। भारत में अभी कोरोनावायरस के मामले 6000 के करीब हो चुके हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 166 पहुंच चुकी है।

महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत
आरबीआई का कहना है कि इस साल महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी। बीते मार्च में खुदरा महंगाई की दर चार महीने के निचले स्तर 5.93 फीसदी पर आने का अनुमान है, जो फरवरी में 6.58 फीसदी रही थी। इस साल जून तिमाही में खुदरा महंगाई 4.8 फीसदी, सितंबर तिमाही में 4.4 फीसदी, दिसंबर तिमाही में 2.7 फीसदी और मार्च तिमाही में 2.4 फीसदी रहने का अनुमान है।
 
 

jyoti choudhary

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