RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, रिवर्स रेपो रेट में की बढ़ौतरी

Thursday, Apr 06, 2017 - 03:23 PM (IST)

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज रेपो रेट जारी किए हैं। इसमें रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत ही रखकर उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले यह दर 5.75 फीसदी थी। दो दिन चलने वाली समिति की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक बुधवार से शुरू हो गई थी। बता दें कि ये आज रिजर्व बैंक 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने आठ फरवरी को पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।

पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को 6.25% पर बरकरार रखा 
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने 8 फरवरी को पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। पटेल ने कहा कि वह नीतिगत दर में बदलाव से पहले मुद्रास्फीति प्रवृत्ति और वृद्धि पर नोटबंदी के प्रभाव को लेकर चीजें स्पष्ट होने का इंतजार करेंगे। थोक मुद्रास्फीति फरवरी में 39 महीने के उच्च स्तर 6.55 प्रतिशत रही जबकि खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 3.65 प्रतिशत पहुंच गई। खाद्य एवं ईंधन के दाम बढ़ने से महंगाई दर में बढ़ौतरी हुई है।

मौद्रिक नीति समीक्षा की अहम बातें
रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहेगी जबकि उसके आगे से छह महीने (अक्टूबर-मार्च) में 5 प्रतिशत तक की महंगाई का अनुमान लगाया गया है। कैश रिजर्व रेशो (सी.आर.आर.) बिना बदलाव के 4 प्रतिशत पर बरकरार है। आज की मौद्रिक नीति समीक्षा की दो अहम बातें यह हैं कि रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जी.डी.पी. ग्रोथ रेट 8.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। उधर, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आर.ई.आई.टी.) को भी मंजूरी मिल गई है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। ताजा मौद्रिक नीति के ऐलान के बाद से शेयर मार्कीट में जबर्दस्त बढ़त देखी जा रही है।

ये सदस्य शामिल हैं समिति में 
मौद्रिक नीति समिति में सरकार द्वारा नामित सदस्यों में चेतन घाटे, पामी दुआ, रवीन्द्र एच ढोलकिया शामिल हैं। वहीं रिजर्व बैंक की तरफ से गवर्नर उर्जित पटेल, मौद्रिक नीति प्रभारी डिप्टी गवर्नर विरल.ए. आचार्य और बैंक के कार्यकारी निदेशक इसके सदस्य हैं।

क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे।

रिवर्स रेपो रेट
यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।

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