रामदेव की पतंजलि को बैंकों से मिला 3200 करोड़ रुपए का लोन, SBI ने सबसे अधिक दिया 1200 करोड़

Sunday, Dec 01, 2019 - 04:55 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद ने शुक्रवार को कहा कि उसने ऋण शोधन प्रक्रिया के जरिए रूचि सोया के अधिग्रहण के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह के साथ 3,200 करोड़ रुपए के कर्ज की व्यवस्था की है।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सितंबर में रुचि सोया के अधिग्रहण को लेकर पतंजलि आयुर्वेद की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्णा ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह के साथ जरूरी कुल कर्ज की व्यवस्था कर ली है।

कंपनी के अनुसार उसे एसबीआई से 1,200 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक से 700 करोड़ रुपए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 600 करोड़ रुपए, सिंडिकेट बैंक 400 करोड़ रुपए और इलाहबाद बैंक से 300 करोड़ रुपए मिले हैं। रुचि सोया दिसंबर 2017 में ऋण शोधन प्रक्रिया में गई थी।

मालूम हो कि रुचि सोया दिसंबर 2017 में दिवालिया प्रक्रिया में शामिल हुई थी। एनसीएलटी ने इस मामले में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीएसबी बैंक की पहल के बाद दिवाला संबंधी याचिका स्वीकार की थी। रुचि सोया ने एनसीएलटी को कहा था कि पतंजलि समूह रोजोल्यूशन प्लान के तहत 204.75 करोड़ रुपए की इक्विटी डालेगा और 3233.36 करोड़ रुपए कर्ज के रूप में होंगे।

इससे पहले इस साल 30 अप्रैल को कर्जदाताओं के समिति ने रुचि सोया के अधिग्रहण संबंधी पतंजलि समूह की 4350 करोड़ रुपए के रोजोल्यूशन प्लान को स्वीकार कर लिया था। वहीं कुछ दिन पहले भी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि एसबीआई ने पतंजलि आयुर्वेद को अकेले लोन की राशि देने से इनकार कर दिया है।

रिपोर्ट्स में बैंक अधिकारी के हवाले से पतंजलि समूह से जुड़ी वित्तीय सूचनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होने के साथ ही इसके मल्टीनेशनल नहीं होने की बात को भी कहा गया था। इसके बाद पतंजलि समूह ने कहा था कि वह फंड के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है।

jyoti choudhary

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