सब्जियों और दालों की कीमतें आसमान पर, घबराई सरकार तलाश रही है रास्ता

Wednesday, Jun 15, 2016 - 06:22 PM (IST)

नई दिल्लीः बढ़ती महंगाई ने सरकार को चिंता में डाल दिया है और अब मॉनसून की सुस्त चाल ने इस चिंता को और बड़ा कर दिया है। दाल की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने तय किया है कि डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम किया जाएगा। फिलहाल देश में दाल की डिमांड और सप्लाई के बीच 76 लाख टन का अंतर है। इसके साथ ही म्यांमार से दाल मंगाई जाएगी। इसके अलावा ये भी तय हुआ है कि महंगाई की समीक्षा अब हर हफ्ते होगी। आज वित्त मंत्री अरुण जेतली के घर हुई मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया। इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, निर्मला सीतारामण और वेंकैया नायडू भी मौजूद थे।

 

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सब्जियों के बढ़ते दामों पर कहा कि सरकार मूल्य वृध्दि को लेकर काफी गंभीर है और इसके लिए राज्यों को भी सचेत किया गया है। महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार पर कांग्रेस ने भी करारा हमला किया है। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि 2 साल में महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।

 

पिछले 2 महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम तेजी से बढ़े हैं। दाल करीब 35 फीसदी, सब्जियां के दाम करीब 13 फीसदी, आलू के दाम करीब 60 फीसदी और चीनी के दाम 22 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। इसके अलावा चाय करीब 13 फीसदी, कॉफी करीब 10 फीसदी और गेहूं की कीमतों में 7 फीसदी तक का उछाल आया है। कीमतों में हुई इस बढ़ौतरी ने पूरे देश में लोगों को बेहाल कर दिया है।

 

अब हम आपको बताते हैं कि शहरों के हिसाब से महंगाई किस कदर भड़की हुई है। सबसे पहले बात करते हैं दिल्ली की। दिल्ली में इस समय टमाटर 50 से 60 रुपए किलो बिक रहा है, जो थोड़े दिन पहले 25 से 30 रुपए किलो था। गोभी की कीमत 60 से बढ़कर 80 रुपए हो गई है। खीरे के दाम 30 रुपए किलो से बढ़कर 50 रुपए, जबकि शिमला मिर्च की कीमत 80 रुपए किलो हो गई है।

 

दरअसल मॉनसून की देरी ने सबकी नींद उड़ा रखी है। कर्नाटक पहुंचने के बाद मॉनसून की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में मौसम विभाग ने मराठवाड़ा के किसानों को अभी बुवाई ना करने को कहा है। मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून के आने के बाद ही वे बुवाई करें। मौसम विभाग के मुताबिक मराठवाड़ा और विदर्भ में बुवाई के लिहाज से जमीन का तापमान अनुकूल नहीं है।

 

इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने 266 तहसीलों में सूखा घोषित किया है और महाराष्ट्र के करीब 12000 गांव सूखाग्रस्त हैं। महाराष्ट्र में 1062 लाख हैक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई होती है और इस सीजन में अभी सोयाबीन, दलहन, कपास और मूंगफली की बुवाई होनी है।

 

भीषण गर्मी की वजह से अब टमाटर के तेवर और भी लाल हो गए हैं। कल तक 20 रुपए प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब सेंचुरी लगाने की ओर बढ़ गया है। देश की मंडियों में उसका भाव 80-100 रुपए तक पहुंच गया है। बारिश ना होने से टमाटर मंहगा हो गया है। वहीं टमाटर के मंहगा होने से विक्रेता भी परेशान हैं। उनकी मानें तो बारिश ना होने से टमाटर मंहगा हो रहा है।

 

आम आदमी के लिए दाल रोटी खाना भी मुश्किल हो गया है। जी हां एक किलो अरहर की दाल 180 रुपए में मिल रही है। बिगड़ती हालत को देखते हुए आज केंद्र सरकार ने दिल्ली वालों को सस्ती दाल देने की योजना शुरू की। दिल्ली वालों के लिए सरकार दाल वाली वैन चलाएगी और इस वैन से लोग 120 रुपए प्रति किलो दाल ले पाएंगे।

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