रेलवे ने उठाया लॉकडाउन का फायदा, 12 हजार किमी ट्रैक का किया मेंटिनेंस

Monday, May 04, 2020 - 12:52 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन लागू है, जिस वजह से रेल और हवाई सेवाओं पर भी रोक लगाई गई है। वहीं, भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के 40 दिनों का फायदा मेंटिनेंस करके उठाया है। लॉकडाउन के 40 दिनों के दौरान रेलवे ने 50 साल पुराने लकड़ी के सीजर क्रॉस ओवर (पटरियों के नीचे लगने वाले स्लीपर) को बदला तो कहीं सालों से बंद 100 साल पुराना एफओबी तोड़ा। मेंटिनेंस के दौरान रेलवे ने आधिकारिक रूप में करीब 705 घंटे का ब्लॉक भी लिया। 

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ट्रेनों की लेटलतीफी होगी खत्म 
रेलवे ने बताया कि यात्री सेवाओं के निलंबन की अवधि का इस्तेमाल रेल नेटवर्क पर लंबे समय से अटके पड़े मुरम्मत के काम को पूरा करने में किया गया। पटरियों की मुरम्मत से सुरक्षा बेहतर होगी और परिचालन की क्षमता बढ़ेगी। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी भी खत्म होगी। मंत्रालय ने बताया कि ये कार्य कई वर्षों से लंबित थे और इनके चलते रेलवे को गंभीर अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था।

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इसलिए बनाई यह योजना
मंत्रालय ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान करीब 500 आधुनिक हेवी ड्यूटी पटरियों की मुरम्मत करने वाली मशीनों ने 12,270 किलोमीटर लंबी पटरियों पर मुरम्मत का काम पूरा किया। इसने कहा कि भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान यह सोचकर इस कार्य को करने की योजना बनाई कि मुरम्मत के काम को पूरा करने का यह अच्छा अवसर है और इससे ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित नहीं होंगी।

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रेलवे ने तेलंगाना में 1970 में लगा लकड़ी का सीजर क्रॉस ओवर बदला। इसके लिए 72 घंटे का ब्लॉक लेना पड़ा। इसके अलावा आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में 24 घंटे का ब्लॉक लेकर पटरियों की क्रॉसिंग में लकड़ी के स्लीपर बदले गए। वहीं, चेन्नई रेलवे स्टेशन के पास असुरक्षित आरओबी को हटाया गया। इसके नीचे से आठ पटरियां गुजर रही हैं। साथ ही कई जगहों पर ब्रिज का काम किया जा रहा है। 

17 मई तक पूरा होगा मेंटिनेंस का काम
अधिकारियों ने कहा कि बचा हुआ मेंटिनेंस का काम 17 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे के 167 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि ट्रेनों का संचालन इतने लंबे वक्त के लिए बंद किया गया। हालांकि, आवश्यक चीजों की ढुलाई के लिए लगभग तीन हजार मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है। रेलवे द्वारा किए गए मेंटिनेंस से कई रूटों पर ट्रेनों की रफ्तार में तेजी आएगी और ट्रेनें भी दुरस्त हो जाएंगी।
 

jyoti choudhary

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