कोरोना से रेलवे को यात्री राजस्व में 70 प्रतिशत से अधिक का नुकसान

Saturday, Dec 19, 2020 - 06:03 PM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना संकट के बावजूद रेलवे को माल ढुलाई और उससे राजस्व अर्जन में पिछले वर्ष की तुलना में फायदा कमाने की उम्मीद है लेकिन यात्री परिवहन से उसे 70 प्रतिशत से अधिक घाटे का अनुमान है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार यादव ने कहा कि माल परिवहन में रेलवे चालू वित्त वर्ष में इस समय तक पिछले वित्त वर्ष की की इसी अवधि की तुलना में 97 प्रतिशत तक पहुंच गई है और राजस्व में उसे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में आठ प्रतिशत का फायदा हुआ है। 

उन्होंने कहा कि इस समय रेलवे को माल ढुलाई में 9000 करोड़ रुपए का घाटा है। इस माह कार्यकाल पूरा कर रहे यादव ने कहा कि यात्री परिवहन के माध्यम से गत वर्ष रेलवे को करीब 53000 करोड़ रुपए की आय हुई थी लेकिन इस वर्ष केवल 4600 करोड़ रुपए की आय हुई है तथा 31 मार्च तक 15000 करोड़ तक आय होने की अनुमान है जो गत वर्ष की तुलना में केवल 28 से 29 प्रतिशत होगा अर्थात् यात्री राजस्व में 70 प्रतिशत से अधिक घाटा होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक यात्रियों से होने वाली आय में 87 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि यात्रियों से होने वाली आय में कमी की भरपाई माल ढुलाई से होने वाली आमदनी से हो जाएगी।  

उन्होंने कहा कि रेलवे माल ढुलाई के क्षेत्र में बेहतर बुनियादी सुविधाओं और कारोबार विकास योजना के बल पर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर काम कर रहा है। इससे रेलवे को 2030 तक माल ढुलाई क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 27 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत तक पहुंच जाने की उम्मीद है। यादव ने कहा रेलवे ने 2019 की समाप्ति पर वर्ष के दौरान देश में कुल 470 करोड़ टन माल ढुलाई में से केवल 121 करोड़ टन माल की ही ढुलाई की लेकिन 2024 के अंत तक उसकी कुल 640 करोड़ टन माल ढुलाई में से 202.40 करोड़ टन माल की ढुलाई का लक्ष्य तय किया गया है। इस गति से रेलवे वर्ष 2030 तक माल ढुलाई में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर सकेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रेल योजना के द्दष्टिकोण 2024 के तहत रेलवे अपनी विभिन्न ढांचागत सुविधाओं का विस्तार करेगा और उन्हें मजबूत बनाएगा ताकि 2024 तक 202.40 करोड़ टन माल ढुलाई का लक्ष्य हासिल किया जा सके। इस लक्ष्य को पाने के लिए रेलवे 16 हजार 373 किलोमीटर नई रेलवे लाइन बिछाएगा। करीब 58 सुपर क्रिटिकल परियोजनाओं, 68 क्रिटिकल परियोजनाओं और 46 अधिक भीड़भाड़ नेटवर्क वाली 46 परियोजनाओं को पूरा करेगा। इसके अलावा 32 अन्य जारी परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा किया जाएगा। 

यादव ने कहा कि राष्ट्रीय रेल योजना का अंतिम प्रारूप तैयार है और जल्द ही इसे संबंधित पक्षों को उनकी राय जानने के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद एक माह में हम इसे अंतिम रूप दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे कोयला खदानों से संपकर् वाली 20 अतिरिक्त परियोजनाओं को पूरा करने वाला है और दिसंबर 2023 तक रेलवे विद्युतीकरण की 146 परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में संपर्क की 288 किलोमीटर की परियोजनाओं को 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा जबकि उघमपुर- श्रीनगर- बारामुला की शेष 111 किलोमीटर की रेल लाइन परियोजना को दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। 

रेलवे के विजन 2024 में नए दिल्ली से हावड़ा और नई दिल्ली से मुंबई रेल मार्गों पर रेलगाडिय़ों की गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा किए जाने के साथ ही ग्रांड कोर्ड और ग्रांड डायग्नल मार्ग पर गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाने की योजना पर काम जारी है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं पर कुल 2.90 लाख करोड़ रुपए का पूंजी व्यय होने का अनुमान है। राष्ट्रीय रेल योजना में माल ढुलाई को सर्मिपत तीन गलियारों की परियोजना भी शामिल हैं जिनकी कुल लंबाई 3,958 किलोमीटर होगी। इसमें खडगपुर से विजयवाड़ा तक 1115 किलोमीटर का पूर्वी तटीय समर्पित माल वहन गलियारा, 1868 किलोमीटर का पूर्वी- पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (भुसावल-नागपुर- खडग़पुर-राजखरसावन- अंडल- दानकुनी) शामिल है। तीसरी योजना 975 किलोमीटर की उत्तर- दक्षिण मालढुलाई गलियारा शामिल है जो कि इटारसी- नागपुर- विजयवाड़ा के बीच होगी। 
 

jyoti choudhary

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