''स्वेच्छा से रियायत छोडऩे'' पर रेलवे करेगा सम्मानित

Saturday, Apr 21, 2018 - 07:27 PM (IST)

नई दिल्लीः वरिष्ठ नागरिकों के समर्थन से उत्साहित भारतीय रेल 'रियायत छोड़ो' योजना अन्य श्रेणी के यात्रियों के समक्ष रखने जा रही है। रेलवे विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को किराए में रियायत के लिए 33,000 करोड़ रुपए सालाना की सब्सिडी वहन करती है। पिछले साल वरिष्ठ नागरिकों को किराए पर आधी सब्सिडी छोडऩे का विकल्प दिया गया था। इसके तहत 19 लाख से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ी है। इस तरह भारतीय रेल को 22 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2018 के बीच 32 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।

रेलवे करेगा सम्मानित
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "हमने महसूस किया कि जब 2016 में हमने लोगों से 100 प्रतिशत रियायत छोडऩे को कहा था तो कई लोगों ने ऐसा नहीं किया। 2017 में जब 50 प्रतिशत सब्सिडी छोडऩे का विकल्प दिया गया तो कई लोग आगे आए और इसे अपनाया।" स्वैच्छा से रियायत छोड़ने वालों को रेलवे न्यूजलेटर और एस.एम.एस. संदेश भेज कर तथा कुछ को बुला कर मंत्री के हाथों सम्मनित करने का विचार कर रही है। जुलाई-मार्च 2017-18 के दौरान 10 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने 100 प्रतिशत तक और 9 लाख से अधिक ने 50 प्रतिशत तक रियायत स्वैच्छा से छोड़ी। इससे रेलवे को 32.30 करोड़ रुपए का फायदा हुआ।     

वैबसाइट पर होगा रियायत छोडऩे वालों का डेटा 
अधिकारी ने कहा कि यह योजना पूरी तरह से स्वेच्छिक है और अब हम अन्य रियायत लेने वालों को सब्सिडी छोडऩे के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाने की तैयारी कर रहे हैं। अभियान का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करके यात्रा किराए पर रियायत छोडऩे के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही एक वैबसाइट स्थापित करने की भी प्रक्रिया है, जिसमें न केवल सब्सिडी छोडऩे से रेलवे की बचत की जानकारी होगी बल्कि रियायत छोडऩे वालों का डेटा भी होगा।

इनको मिलती है किरायों में छूट
अभियान के हिस्से के रूप में इन श्रेणियों के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वरिष्ठ नागरिकों (सब्सिडी छोड़ चुके) को रेल मंत्री पीयूष गोयल की ओर से व्यक्तिगत पत्र भेजा जाएगा। रेलवे विकलांग, कैंसर, थैलेसेमिया, दिल एवं गुर्दा रोगियों, सैनिकों की विधवाओं और विद्यार्थियों समेत 53 श्रेणियों में यात्रा किरायों में छूट देती है। जिसकी वजह से उसे सालाना करीब 33,000 करोड़ रुपए की कमाई से वंचित होना पड़ता है।

jyoti choudhary

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