क्वालिटी कंटेंट से 58 करोड़ के कारोबार को दो साल में बना दिया 466 करोड़ का

Wednesday, Dec 11, 2019 - 12:10 PM (IST)

नई दिल्लीः मंदी के माहौल में कारोबार में 700 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करना कोई मजाक की बात नहीं होती है लेकिन बेहतर वीडियो कंटेंट की बदौलत नेटफ्लिक्स ने ऐसा कर दिखाया है। दिसंबर 2016 में कंपनी ने भारत में एंट्री ली। देखते ही देखते बड़े शहरों के नौजवानों के जुबां पर इसकी चर्चा होने लगी। 199 रुपए के मोबाइल प्लान के साथ कंपनी ने तेजी से भारतीय युवाओं में अपनी पैठ बनाई और अब तेजी से इसके दर्शक बढ़ रहे हैं। 

हालांकि इस बात का खुलासा कंपनी की तरफ से नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान है कि 1.2 करोड़ से लेकर 1.4 करोड़ लोग भारत में नेटफिलिक्स के कंटेंट को देखते हैं। ऐसा अनुमान है कि भारत में नेटफ्लिक्स को सब्सक्राइब करने वाले 70 फीसदी लोग सप्ताह में एक सिनेमा नेटफ्लिक्स पर जरूर देखते हैं। नेटफ्लिक्स का मानना है कि 2023 तक भारत वीडियो कंटेंट देखने वालों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार होगा। इस अवधि तक 50 करोड़ लोग वीडियो कंटेंट को देखने लगेंगे। यही वजह है कि चीन के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े वीडियो कंटेंट के बाजार को ध्यान में रखते हुए कंपनी अपनी गे की रणनीति बना रही है। चीन में नेटफ्लिक्स को प्रवेश की इजाजत नहीं है।

क्या क्या है पाइपलाइन में

  • वर्ष 2020 के अंत तक नेटफ्लिक्स पर 15 ओरिजनल भारतीय फिल्म उपलब्ध होंगे
  • हिन्दू देवी-देवताओं पर आधारित एनिमेटेड प्री-स्कलू सीरीज
  • बांबे बेगम्स, माई, बेताल, मेसी और मसाबा-मसाबा जैसी वेब सीरीज पहले ही घोषित हो चुकी है

भारत में क्या है अवसर

  • दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन वीडियो देखने वाला बाजार
  • दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सस्ते में डाटा की उपलब्धता
  • प्रति व्यक्ति डाटा की खपत में लगातार हो रही है बढ़ोतरी। साल 2016 में भारत में प्रति व्यक्ति डाटा की खपत 0.88 जीबी थी जो पिछले साल 8.7 जीबी के स्तर पर पहुंच गई
  • ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेयर्स में लगातार बढ़ोतरी, साल 2012 में ओटीटी प्लेयर्स की संख्या सिर्फ 9 थी जो पिछले साल 30 हो गई
  • ऑनलाइन वीडियो देखने के समय में लगातार इजाफा। दो साल पहले औसतन 11 मिनट डिजिटल वीडियो देखा जाता था जो पिछले साल 24 मिनट हो गया
  • भारत में 1.2 अरब लोग अपने फोन पर स्थानीय कंटेंट देखते है, इन लोगों को ग्लोबल कंटेंट दिखाया जा सकता है

क्या हैं चुनौतियां

  • चूंकि ये कंटेंट विज्ञापन फ्री होते हैं इसलिए कंटेंटे की लागत अधिक बैठती है
  • हॉटस्टार जैसी प्रतिद्वंद्वी जिसके पास 30 करोड़ मासिक सब्सक्राइबर्स हैं
  • अमेजन प्राइम, जी5 और इरोज नाउ से भी मुकाबला
     

jyoti choudhary

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