माल्या ने की इंसाफ की मांग, कहा- ‘लोन से अधिक का पैसा जब्त फिर भी मुझे भगोड़ा कहते हैं, न्याय कहां है?''
Saturday, Feb 02, 2019 - 02:28 PM (IST)
नई दिल्लीः देश से बाहर इन दिनों लंदन में रह रहे उद्योगपति विजय माल्या ने ट्विटर पर अपने लिए इंसाफ की मांग की। भगोड़ा बताए जाने को अन्याय करार देते हुए उन्होंने कहा कि डीआरटी रिकवरी ऑफिसर देश में उनकी संपत्ति जब्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिना न्याय के ही उन्हें अपराधी करार दे दिया गया है। उन्होंने लगातार ट्विट कर न्याय की गुहार लगाई।
उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा, 'डीआरटी रिकवरी ऑफिसर ने हाल ही में मेरे समूह की 13,000 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। भारतीय बैंकों को मदद के उद्देश्य से यह रकम जब्त की गई। इसके बाद भी मेरे बारे में प्रचार किया जा रहा है कि मैं बैंक का 9,000 करोड़ लेकर भाग गया हूं, जिसके कारण सार्वजनिक बैंकों को नुकसान हुआ है। न्याय कहां है और कहां है निष्पक्ष जांच?'
The DRT Recovery Officer recently attaches my Group assets worth over 13,000 crores in India on behalf of the Consortium of Banks. Yet the narrative is that I ran away with the claimed amount of 9000 crores causing loss to the Public Sector Banks. Where is Justice or fair play ?
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 1, 2019
इसके बाद उसने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा- हर सुबह मैं उठता हूं तो डीआरटी की ओर से एक नए जब्ती की खबर मिलती है। अब को कुल जब्ती 13 हजार करोड़ को पार कर गई है। बैंकों ने सभी ब्याज सहित नौ हजार करोड़ रुपए के बकाए की बात कही है। हालांकि इसकी अब भी समीक्षा की जानी है। यह कब तक चलेगा।
कहा- सार्वजनिक धन के लिए कौन जिम्मेवार है
उसने आगे कहा है कि इन सभी जब्तियों के बाद भी बैंकों ने इंग्लैंड में अपने एजेंटों को एक ओपन लाइसेंस दे रखा, ताकि वे मेरे खिलाफ चल रहे तमाम मुकदमों में अड़ंगा लगाएं। अब सवाल उठता है कि इस तरह से बेतरतीब तरीके के लीगल फीस के रूप में खर्च किए जा रहे सार्वजनिक धन के लिए कौन जिम्मेवार है।
यह है चौथा ट्विट
चौथे ट्विट में माल्या ने लिखा कि इंग्लैंड में बैंकों के वकीलों ने मेरे वैध टैक्स भुगतान करने की कोशिश का अंततः लिखित में विरोध किया। भारतीय स्टेट बैंक चाहता है कि इंग्लैंड में मेरे पैसे का इस्तेमाल भारतीय लोन की रिकवरी में किया जाए, जिसे पहले ही सुरक्षित कर लिया गया है। गौरतलब है कि 5 जनवरी को मुंबई की एक अदालत ने विजय माल्या को भगौड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया था। भगौड़ा घोषित होने वाला वह पहला भारतीय कारोबारी है।