बदल रहा है रियल एस्टेट सेक्टर

Sunday, Oct 02, 2016 - 02:13 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले कुछ वर्षों से रिहायशी प्रॉपर्टी का बाजार मुकम्मल तौर पर बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहा है। असल में पूरी दुनिया ही तेजी से बदल रही है। तकनीकी प्रगति इस बदलाव की रफ्तार बढ़ा रही है। रियल एस्टेट मार्कीट में यह बड़े पैमाने पर नजर आ रहा है। जमीनी स्तर से लेकर सरकारी नीतियों तक में चीजें तेजी से बदल रही हैं। इन सबकी बदौलत रियल एस्टेट सेक्टर उन परेशानियों से उबरने लगा है, जिनकी जकड़न पिछले कुछ वर्षों से महसूस की जा रही थी। ग्राहकों और डेवलपरों के बीच भरोसे जैसी कोई बात नहीं रह गई थी और यह बाजार नकदी की किल्लत से कराह रहा था। लेकिन अब हालात बेहतर होते नजर आ रहे हैं। 

यदि हम पिछले 5 वर्षों पर नजर डालें तो 2012-13 वह अंतिम साल था, जब बाजार ने उम्मीद से इतर प्रदर्शन किया। न केवल नई लांचिंग, बल्कि प्रॉपर्टी की बिक्री और कीमतों में भी इजाफा हुआ था। उसके बाद अर्थव्यवस्था मंदी जैसी स्थिति शुरू हो गई और ग्रोथ करीब-करीब थम गई। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर की भीतरी समस्याएं भी रहीं, जिनके कारण बाजार काफी धीमा हो गया। बिक्री के लिए पड़ी प्रॉपर्टी की तादाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, बिक्री थम सी गई, नकदी की किल्लत ने ढेरों डेवलपरों को घुटनों पर ला दिया और नई लांचिंग न के बराबर हुई।

2016 से देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी और साल 2016-17 की विकास दर 7.6 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में अच्छी-खासी कटौती की और समग्र तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर आगे बढ़ता नजर आने लगा। डेवलपरों की आकर्षक स्कीम और डिस्काउंट ने भी इसमें अच्छी-खासी भूमिका निभाई और खरीदार बाजार में वापस आने लगे।

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