निजी क्षेत्र को निवेश बढ़ाने की जरूरत: मुख्य आर्थिक सलाहकार

Friday, Dec 09, 2022 - 05:55 PM (IST)

नई दिल्लीः मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि निजी क्षेत्र को निवेश बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि पिछले दशक की तरह उसी गति से निवेश जारी रखना सार्वजनिक क्षेत्र के लिए संभवत: अच्छा नहीं होगा। केंद्र, राज्यों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का संयुक्त रूप से निवेश पिछले 10 साल में 3.5 गुना बढ़कर 21.2 लाख करोड़ रुपए हो गया जो इससे पहले 6.8 लाख करोड़ रुपए था। 

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक आर्थिक नीति शिखर सम्मेलन में नागेश्वरन ने कहा, ‘‘दशक के दौरान जब वित्तीय क्षेत्र से इतर कंपनियां और बैंक अपने बही-खातों को दुरुस्त कर रहे थे, सार्वजनिक उपक्रमों ने मोर्चा संभाला और इस सदी के दूसरे दशक के दौरान आर्थिक वृद्धि को बनाये रखा। यह मौजूदा दशक में भी जारी है।'' वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या उसी गति से निवेश को बढ़ाना जारी रखा जाए या निजी क्षेत्र को अर्थव्यवस्था में ‘पूंजी निर्माण के प्राथमिक इंजन' के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कंपनियों का बही-खाता और लाभ काफी सुदृढ़ है। साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बही-खातों को दुरुस्त किया गया है और वे कर्ज देने को तैयार हैं। 

नागेश्वरन ने कहा, ‘‘इसीलिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिये संभवत: यह जरूरी या बेहतर नहीं होगा कि वे उसी गति से निवेश बनाए रखे, जैसा कि अबतक किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ेगा। लेकिन उसकी गति पिछले दशक जैसे नहीं होगी। इसका कारण हमें निजी क्षेत्र के लिये संसाधनों की की कमी नहीं करनी है और साथ यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त निवेश व्यय से अर्थव्यवस्था के लिए पूंजी की लागत बहुत नहीं बढ़नी चाहिए।'' इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में उद्योग से जानना चाहा था कि आखिर कौन सी चीजें उन्हें विनिर्माण में निवेश से रोक रही हैं। वहीं दूसरी तरफ विदेशी निवेशकों का भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है। 

 

jyoti choudhary

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