फिर बढ़ेंगी पैट्रोल-डीजल की कीमतें

Sunday, Jul 01, 2018 - 05:43 AM (IST)

नई दिल्ली: उपभोक्ताओं को मई, 2014 की तुलना में मौजूदा समय में पैट्रोल के लिए 6 प्रतिशत और डीजल के लिए 19 प्रतिशत ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ रही है। बुधवार को डालर की तुलना में रुपया बढ़कर 68.52 पर पहुंच गया, जिससे इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आई.ओ.सी.), हिंदुस्तान पैट्रोलियम कार्पोरेशन (एच.पी.सी.एल.) और भारत पैट्रोलियम कार्पोरेशन (बी.पी.सी.एल.) ने सामान्य मार्जिन कमाने के लिए खुदरा कीमतों में 2.80-3.70 रुपए प्रति लीटर की बढ़ौतरी करने की तैयारी कर ली है। 

जब 26 मई, 2014 को मोदी ने सरकार संभाली थी तो दिल्ली में पैट्रोल की कीमत 71.41 रुपए प्रति लीटर थी लेकिन अब यह 75.55 रुपए पर है। दूसरी तरफ डीजल की कीमत 56.71 रुपए से बढ़कर 67.38 पर पहुंच चुकी है। मई, 2014 में जहां कच्चे तेल की कीमत 106.85 डालर प्रति बैरल पर थी वहीं मई, 2018 में यह 30 प्रतिशत गिरकर 75.31 डालर प्रति बैरल पर दर्ज की गई। 26 मई, 2014 को विनिमय दर 58.66 रुपए पर थी जबकि अब यह लगभग 18 प्रतिशत तक घट चुकी है।एक तेल विपणन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में प्रत्येक 1 डालर की वृद्धि से डीजल और पैट्रोल दोनों की कीमतों में प्रति लीटर लगभग 63 पैसे की बढ़ौतरी की जरूरत होती है। 

दूसरी तरफ विनिमय दर पर डालर की तुलना में 1 रुपए की गिरावट से इन दोनों ईंधन की कीमतों में 50 पैसे की वृद्धि करने की जरूरत होती है। नाम नहीं बताने के अनुरोध पर उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि रुपए की मौजूदा वैल्यू को देखते हुए तेल कंपनियों को खुदरा कीमतों में लगभग 2.8-3.7 रुपए प्रति लीटर की बढ़ौतरी करनी पड़ सकती है। चूंकि भारत में ईंधन की कीमत की निर्धारण पद्धति अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और रुपया-डालर के एक्सचेंज रेट पर निर्भर है इसलिए पैट्रोल-डीजल की कीमतें बढऩा अवश्यंभावी है। अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव का भारतीय बाजार पर असर और भी बढ़ चुका है क्योंकि 2 महीने पहले सरकारी पैट्रोल पंपों ने पाक्षिक की जगह दैनिक बदलाव का नियम लागू कर दिया। 

नहीं बढ़ेगा विमान किराया
हालांकि भारतीय रुपए में भारी गिरावट से विमान किराया नहीं बढ़ेगा। विमानन क्षेत्र के अधिकारियों का कहना है कि किराए में मई-जून में लगभग 4.5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई जिसका मुख्य कारण छुट्टियों का सीजन था। एक बड़ी एयरलाइन के अधिकारी ने कहा कि कीमत बढ़ाने की एयरलाइनों की वास्तविक क्षमता सीजन के अंत में देखने को मिलेगी।

Pardeep

Advertising