अनुच्छेद 370: बढ़ सकते हैं कश्मीरी फलों के दाम, घाटी से नहीं आ रहे ट्रक
Friday, Aug 09, 2019 - 05:07 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद से ही राज्य में तनाव की स्थितियां बनी हुई हैं। अनुच्छेद 370 का असर कश्मीर के फलों पर भी पड़ रहा है। कश्मीरी सेब, बेर, आलूबुखारा, नाशपाती, आदि जैसे कई फल बाजार में नहीं पहुंच पाए हैं। इनकी आमद घटने की वजह से बाजार में कश्मीरी फलों की किल्लत हो सकती है।
बाजारों से गायब हो सकते हैं कश्मीरी फल
कश्मीर में हर साल बड़ी मात्रा में सेब का उत्पादन होता है और फिर यह देश के कई राज्यों में भेजा जाता है लेकिन तनावपूर्ण स्थिति के चलते इस वर्ष बाजारों से कश्मीरी सेब व अन्य फल गायब हो सकते हैं। ऐसे में इनकी कीमतें भी बढ़ जाएंगी। जिन ट्रकों से फलों की सप्लाई हो रही है, उनके मालिकों ने इस सप्ताह भाड़े में 30 फीसदी का इजाफा कर दिया है। इसलिए फलों के दाम में इजाफा होना संभव है।
बढ़ जाएंगे फलों के दाम
दिल्ली की थोक मंडी में एक किलो सेब 50 रुपए में मिल रहा है। हालांकि सेब की अलग-अलग क्वालिटी के हिसाब से इसका दाम भी अलग-अलग है। पिछले सप्ताह तक सेब की कीमतें स्थिर थी लेकिन व्यापारियों का कहना है कि आने वाले समय में अगर सेब उपलब्ध नहीं होते हैं, तो इनके दाम में पांच से 10 फीसदी का इजाफा हो सकता है। वहीं नाशपाती और बेर की कीमतों में भी 10 से 12 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। फिलहाल दिल्ली की थोक मंडी में एक किलो बेर की कीमत 35 रुपए हैं। वहीं एक किलो नाशपाती 50 रुपए के भाव से मिल रही है।
जम्मू-कश्मीर में सेब के उत्पादन से लेकर उसकी बिक्री तक के कार्य में करीब 35 लाख लोग जुड़े हैं। इसलिए तनावपूर्ण स्थिति के कारण न केवल फलों की महंगाई बढ़ेगी बल्कि इसका असर कई लोगों पर पड़ेगा। अगर स्थिति समान होने में अधिक समय लगता है तो बाजारों में इन फलों की कीमत काफी बढ़ जाएगी, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ेगा।