20% तक बढ़ सकते हैं जरूरी दवाइयों के दाम, जानिए क्या है वजह

Saturday, Mar 20, 2021 - 01:10 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः मंहगाई की मार झेल रही जनता को अब एक और झटका लगने वाला है। तेल-सब्जी, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के बाद अब जरूरी दवाइयों के लिए भी जेब ढ़ीली करनी पड़ सकती है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने दवा निर्माताओं को एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स (Wholesale Price Index) में 0.5 फीसदी बढ़ोतरी की अनुमति दी है। दर्द निवारक दवाइयां, एंटीइंफ्लाटिव, कार्डियक और एंटीबायोटिक्स सहित आवश्यक दवाओं की कीमतें अप्रैल से बढ़ सकती हैं।

20% बढ़ सकती है कीमत
NPPA ने दवा कंपनियों को हर साल सालाना WPI के आधार पर शेड्यूल्ड ड्रग्स की कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी है लेकिन सूत्रों ने बताया कि कंपनियां दवा की कीमतों में 20 फीसदी बढ़ोतरी की योजना बना रही हैं। उनका कहना है कि उनकी मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में 15 से 20 फीसदी इजाफा हुआ है।

इंडस्ट्री ने क्या कहा
फार्मा इंडस्ट्री के एक एग्जीक्यूटिव ने कहा, 'हमें लगता है कि जो कीमत बढ़ाने की अनुमति दी गई है वह बहुत कम है। महामारी के दौरान कच्चे माल की कीमत, समुद्री मालभाड़े और पैकेजिंग मटीरियल्स की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। हम जल्दी ही सरकार से कीमतें बढ़ाने की अनुमति मांगने की योजना बना रहे हैं।'

कार्डियो-वस्कुलर, डायबिटीज, एंटीबायटिक्स, एंटी-इंफेक्टिव्स और विटामिंस बनाने में इस्तेमाल होने वाला अधिकांश कच्चा माल चीन से आयात होता है। कुछ एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स (API) के लिए चीन पर 80 से 90 फीसदी निर्भरता है। पिछले साल चीन में महामारी का प्रकोप बढ़ने से वहां से आपूर्ति प्रभावित हुई जिससे भारतीय दवा कंपनियों की लागत बढ़ गई। 2020 के मध्य में आपूर्ति बहाल होने पर चीन ने अहम कच्चे माल की कीमत 10 से 20 फीसदी बढ़ा दी।
 

jyoti choudhary

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