फर्जी संदेशों के लिए कड़े कानून, कुरकुरे के खिलाफ दुष्प्रचार पर रोक

punjabkesari.in Saturday, Jul 28, 2018 - 09:50 AM (IST)

नई दिल्लीः हाल ही में सोशल मीडिया पर कुरकुरे के खिलाफ कई ऐसे वीडियो या ट्वीट आए थे, जिसमें ये दिखाया गया था कि कुरकुरे प्लास्टिक से बने है और आसानी से आग पकड़ सकते हैं। हो सकता है कि आगे आपको ऐसा सबकुछ देखने को न मिले। लेज और कुरकुरे जैसे स्नैक्स ब्रांड बनाने वाली कंपनी पेप्सिको इंडिया ने इस बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय से एक अंतरिम आदेश हासिल कर लिया है जिससे कम से कम सोशल मीडिया पर यह विवाद थम सकता है। 

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कोर्ट के आदेश के बाद ट्विटर से लेकर यू-ट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम तक सभी को कुरकुरे और पेप्सिको का दुष्प्रचार करने वाली पोस्ट अपने प्लेटफॉर्म से हटानी होगी। यह पहला मौका है जब किसी कंपनी ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने ब्रांड के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट हटाने को कहा है।

आशीर्वाद आटे में प्लास्टिक 
इस साल मार्च में सिगरेट बनाने से लेकर होटल चलाने वाली कंपनी आईटीसी को बेंगलूर की एक अदालत ने राहत दी थी। अदालत ने व्हाट्सऐप और फेसबुक पर उन फर्जी वीडियो पर प्रतिबंध लगा दिया था जिनमें दावा किया गया था कि आशीर्वाद आटे में प्लास्टिक है। उसी महीने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को दिल्ली उच्च न्यायालय से राहत मिली थी। कोर्ट ने फेसबुक, गूगल और यू-ट्यूब को वह वीडियो ब्लॉग हटाने का आदेश दिया जिसमें पतंजलि के आटे का दुष्प्रचार किया गया था।

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अफवाहों को कम करने के लिए खर्च किए 2 करोड़ 
अनुमानों के मुताबिक 20,000 फेसबुक पोस्ट, 3,412 फेसबुक लिंक, 242 यू-ट्यूब वीडियो, 6 इंस्टाग्राम लिंक और 562 ट्वीट को तुरंत हटाने का आदेश दिया गया है। हालांकि पेप्सिको को अच्छी खासी कीमत चुकाने के बाद यह राहत मिली है। कंपनी का दावा है कि कई वर्षों से चल रही अफवाहों को कम करने के लिए वह अब तक 2 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। 

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अदालत के आदेश पर कार्रवाई शुरू 
सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक और यू-ट्यूब ने कहा कि उनको अदालत का आदेश मिल गया है और उन्होंने इस पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। गूगल इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि आदेश में बताए गए सभी वीडियो यूआरएल यू-ट्यूब से हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, 'अदालत के एक जून के आदेश का पालन करते हुए यू-ट्यूब ने सभी यूआरएल हटा दिए हैं और इस बारे में अदालत को जानकारी दे दी है।'

फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, 'जब सरकारों को लगता है कि इंटरनेट पर किसी सामग्री से कानून का उल्लंघन हुआ है तो वे उस पर पाबंदी लगाने को कह सकती हैं। इसी तरह हमें अदालतों से भी किसी सामग्री को हटाने का आदेश मिलता है। कानूनी समीक्षा के बाद अगर हमें लगता है कि आदेश सही है तो हम संबंंधित देश में सामग्री को हटा सकते हैं।' एक तरह जहां ट्विटर इंडिया ने कुरकुरे के बारे में आपत्तिजनक ट्वीट हटाने शुरू किए तो दूसरी तरफ इसे लेकर मजाकिया दौर शुरू हो गया। एक ट्वीट में कहा गया, 'क्या आप जानते हैं: प्लास्टिक कुरकुरे से बना है।' 


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jyoti choudhary

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