शताब्दी में यात्रा करना होगा सस्ता, रेलवे जल्द करेगा किराए में कमी का ऐलान

Tuesday, Jun 06, 2017 - 07:25 PM (IST)

मुंबईः रेल मंत्रालय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए शताब्दी ट्रेनों का किराया कम करने की योजना बना रहा है। रेलवे नहीं चाहता है कि कम दूरी के यात्री ट्रेन छोड़कर सड़क के रास्ते यात्रा करें और उसे नुकसान उठाना पड़े। भारतीय रेल ने यह फैसला ऐसे हो दो ट्रेनों में इस प्रयोग की सफलता के बाद लिया। दोनों ट्रेनों में कम दूरी की यात्रा के लिए किराया घटाने से रेलवे को जबर्दस्त फायदा हुआ। 

ऐसा देखा गया है कि शताब्दी ट्रेनों के रूटों पर पड़ने वाले ऐसे स्टेशनों पर यात्रियों की आवाजाही बहुत कम होती है, जहां से ट्रेन नहीं खुलती है या उसका सफर खत्म नहीं होता। ऐसी जगहों पर लोग ट्रेनों की बजाय एसी बसों से यात्रा करना पसंद करते हैं। बीच के इन स्टेशनों के लिए बस का कम किराया यात्रियों को आकर्षित करता है। 

रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बताया, 'हमने देखा कि एसी बसें 430 रुपए के करीब चार्ज करती हैं जबकि शताब्दी का किराया 470 रुपए के आसपास है। इस वजह से छोटी दूरी के महज 30 प्रतिशत यात्री ही ट्रेनों से सफर करते हैं। इसके मद्देनजर हमने किराया घटाकर 350 रुपए करने का फैसला किया और अब करीब-करीब सभी 100 प्रतिशत यात्री ट्रेनों से सफर करने लगे।'  

रेल छोड़ सड़क मार्ग अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति इंडियन रेलवे के लिए चिंता की एक बड़ी वजह है। 1981 से माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत से घटकर 36 प्रतिशत पर पहुंच गई है। शनिवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि देश में रेलवे को और इनोवेटिव बनाने के लिए कुछ प्रॉजेक्ट्स का खाका खींचा गया है, लेकिन केंद्रीय मदद के बावजूद फंड की भारी कमी है।
 

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