बिजली बिल के नाम पर वसूले लाखों अब पावरकॉम देगी हर्जाना

punjabkesari.in Thursday, May 10, 2018 - 12:06 PM (IST)

गुरदासपुरः जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकर्ता को राहत देते हुए पावरकाम को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता द्वारा बिजली सप्लाई काटे जाने के भय से जमा करवाई राशि 1,07,705 रुपए तथा 5000 रुपए हर्जाना व अदालती खर्च उसे 30 दिन में वापस करे, नहीं तो सारी राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करनी होगी।

क्या है मामला 
जीवन सिंह निवासी गांव पुल तिबड़ी ने फोरम में याचिका दायर की थी कि वह उनके घर में उनके पिता बाजा सिंह के नाम पर बिजली कनैक्शन लगा हुआ है। पिता के देहांत के बाद वही इस कनैक्शन का प्रयोग कर रहा है तथा रैगुलर बिल अदा कर रहा है, परन्तु पावरकाम के तिबड़ी कार्यालय द्वारा 22 नवम्बर 2016 को उसे 1,07,705 रुपए का बिजली बिल भेज दिया गया। इस संबंधी जब अधिकारियों से सम्पर्क तो उन्होंने स्पष्ट इंकार करते हुए कह दिया कि यदि यह राशि जमा न करवाई गई तो बिजली सप्लाई काट दी जाएगी। फोरम के समक्ष पावरकाम अधिकारियों ने कहा कि याचिकाकर्ता ठेके पर काम करने वाली कम्पनी के मीटर रीडर के साथ मिल कर कम मीटर रीडिंग रिकार्ड करवाता रहा। नए मीटर रीडर द्वारा जांच करने तथा मीटर को मीटर लैब में भेज कर चैक करने पर पाया कि मीटर की पिछले बिल की मीटर रीडिंग 2503 थी जबकि मीटर रीडिंग 16720 है, जिससे स्पष्ट होता है कि हेराफेरी कर मीटर रीडर की मदद से कम रीडिंग दर्ज करवाई जाती रही। रीडिंग के इस अंतर का बिल वसूल किया गया है।

यह कहा फोरम ने 
फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुनाया कि जिस मीटर रीडर का जिक्र किया गया है उसे कोई सजा नहीं दी गई। मीटर रीडिग के  इतने बड़े अंतर का पहले क्यों पता नहीं चला। उपभोक्ता को बिजली सप्लाई काटने का भय दिखा कर बिजली जमा करवा लेना उसके अधिकारों का हनन है। उन्होंने पावरकाम को आदेश दिया कि वह याचिकाकर्ता से जमा करवाई गई राशि सहित 5000 रुपए हर्जाना व अदालत खर्च उसे 30 दिन में अदा करे नहीं तो 9 प्रतिशत ब्याज सहित पूरी राशि अदा करनी पड़ेगी।


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