क्षेत्रीय भाषाओं वाले POS से भुगतान जल्द

Friday, Apr 07, 2017 - 09:58 AM (IST)

नई दिल्ली: दुकान या शापिंग माल में डैबिट-क्रैडिट कार्ड से भुगतान में काम आने वाली मशीन प्वाइंट ऑफ सेल (पी.ओ.एस.) को अब क्षेत्रीय भाषाओं से भी जोड़ने की तैयारी है। फिलहाल पी.ओ.एस. में हिंदी या अंग्रेजी भाषा के उपयोग की सुविधा है। वहीं नोटबंदी के बाद नकद निकासी तेजी से घट रही है। 24 मार्च तक नकद निकासी 32,500 करोड़ रुपए रही। यह 13 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 52,800 करोड़ रुपए थी।

ए.टी.एम. से 5 गुना अधिक हैं पी.ओ.एस.
देश में करीब 2.20 लाख ए.टी.एम. हैं जबकि पी.ओ.एस. की संख्या 16 लाख है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार देश में 94 करोड़ डैबिट कार्ड हैं। इससे वार्षिक 2.6 से 2.9 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन होता है, पर लेन-देन में पी.ओ.एस. ए.टी.एम. से काफी पीछे है। संख्या के लिहाज से 5 गुना अधिक होने के बावजूद डैबिट कार्ड से पी.ओ.एस. पर भुगतान सिर्फ  8 पर्सैंट होता है जबकि डैबिट कार्ड से ए.टी.एम. के जरिए लेन-देन 90 पर्सैंट के करीब है।

बिक्री 30 पर्सैंट बढऩे का अनुमान
नोटबंदी और सरकार द्वारा डिजीटल लेन-देन पर जोर दिए जाने के कारण आने वाले समय में देश में पी.ओ.एस. मशीनों की बिक्री कई गुना बढऩे की उम्मीद की जा रही है। उद्योग मंडल एसोचैम ने एक सर्वेक्षण में कहा है कि देश में स्थापित पी.ओ.एस. की संख्या अगले 5 वर्ष में 30 पर्सैंट चक्रवृद्धि (सी.ए.जी.आर.) दर से बढ़कर 76 लाख होने की संभावना है जो कि 2016 में 16 लाख रही।

भीम एप की सफलता से मिली नई राह
सरकार द्वारा समर्थित 7 भाषाओं वाले भारत इंटरफेस ऑफ मनी यानी भीम एप को गत वर्ष 30 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने पेश किया था। इस एप को 1.80 करोड़ बार डाऊनलोड किया जा चुका है। इससे पी.ओ.एस. कंपनियों को भी क्षेत्रीय भाषाओं में उसे उपयोग के लायक बनाने की नई राह मिली है। पी.ओ.एस. को क्षेत्रीय भाषाओं में उपयोग में लाने के लिए कई कंपनियां तैयारी में हैं।

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