अप्रैल 2020 तक PNB में हो जाएगा बैंकों का विलय, नहीं जाएगी किसी की नौकरी
Sunday, Sep 15, 2019 - 02:27 PM (IST)
कोलकाताः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) का विलय अगले साल पहली अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। यह बात शनिवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। विलय के बाद बैंक का नाम बदल सकता है। विलय के बाद बनने वाला बैंक देश में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इस बैंक का कारोबार 18 लाख करोड़ रुपए का होगा। यूबीआई के एमडी और सीईओ अशोक कुमार प्रधान ने कहा कि विलय की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। विलय के बाद बनने वाला नया बैंक एक अप्रैल 2020 से काम करने लगेगा। तीनों बैंकों ने यहां एक ग्राहक सम्मेलन आयोजित किया। इसमें पीएनबी के जीएम चंदर खुराना और ओबीसी के जीएम बिनय कुमार गुप्ता ने भी हिस्सा लिया।
कर्मचारियों की नहीं होगी छंटनी
बैंकों ने कहा कि विलय के बाद बनने वाले नए बैंक में कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी। बैंकों ने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लाए जाने की संभावना से भी इनकार किया। प्रधान ने कार्यक्रम के बाद कहा कि विलय के बाद बनने वाले नए बैंक के कर्मचारियों की संख्या एक लाख होगी और उसकी शाखाओं की संख्या 11,400 होगी।
वित्त मंत्री ने 30 अगस्त को की थी विलय की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 अगस्त को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की थी। प्रधान ने कहा कि विलय की प्रक्रिया में कानूनी और नियामकीय बाध्यताओं का पालन करना होगा। इसके अलावा तीनों बैंकों के बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी।
बैसल मानक का पालन करेगा नया बैंक
प्रधान ने कहा कि विलय के बाद बनने वाले नए बैंक के पास पर्याप्त पूंजी रहेगी और यह बैंक अगले तीन साल तक के लिए बैसल मानकों पर खरा उतरेगा। सरकार ने पीएनबी में 16,000 करोड़ रुपए और यूबीआई में 1,600 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश की घोषणा की है।
घटेगा एनपीए
एक सवाल के जवाब में खुराना ने कहा कि तीनों बैंकों का औसत शुद्ध एनपीए अभी 6.67 फीसदी है। विलय के बाद इसके घटकर छह फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है।