PNB और BOB कर सकते हैं छोटे बैंकों को ओवरटेक

Tuesday, Apr 18, 2017 - 01:47 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों के लिए एक रोडमैप पर काम कर रही है, जिससे अगले दौर के कंसॉलिडेशन की शुरूआत होगी। इसके तहत आने वाले कुछ महीनों में बैंक फंड जुटाएंगे और उनकी हायरिंग पॉलिसी में भी बदलाव होगा। इसमें प्राइवेट सेक्टर से प्रोफेशनल्स को लाने की बात भी कही गई है। इस फेज में पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) और बैंक ऑफ बड़ौदा कुछ छोटे बैंकों का टेकओवर कर सकते हैं। यह जानकारी वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी है।

सरकार कंसॉलिडेशन के लिए कैंडिडेट्स की तलाश कर रही है। उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) चाहता है कि सरकारी क्षेत्र में कुछ बड़े बैंक रहें ना कि छोटे-छोटे कई बैंक। अधिकारी ने बताया, 'हम वैसे बैंकों से इसकी शुरूआत कर सकते हैं, जिनमें आसानी होगी। उन्होंने बताया कि कंसॉलिडेशन के कई ऑप्शंस पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में बैंकों के रिएक्शन के लिए तुरंत संपर्क नहीं हो पाया।

इस रोडमैप पर ऐसे वक्त में चर्चा शुरू हुई है, जब वित्त मंत्रालय, आर.बी.आई. के साथ मिलकर नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स की समस्या दूर करने की कोशिश कर रहा है। पिछले हफ्ते आर.बी.आई. ने रिवाइज्ड प्रॉम्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क के तहत सख्त रूल्स तय किए थे। इसके मुताबिक, अगर कोई बैंक रेगुलेटरी शर्तों को पूरा नहीं करता है तो उस पर कंसॉलिडेशन का दबाव बढ़ सकता है। अधिकारी ने बताया, 'हमारी भूमिका सिर्फ बैंकों को एक टेबल पर लाने तक सीमित होगी। वहीं, अगर आर.बी.आई. को लगता है कि रेगुलेटरी वजहों से ऐसा होना चाहिए तो हम उस हिसाब से काम करेंगे।'

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार भी लेंडर्स को अपनी तरफ से सुझाव देगी। उन्होंने कहा, 'ये प्लान फाइनल नहीं हैं। हमें कॉम्पिटिशन कमीशन से भी मंजूरी लेनी पड़ेगी, जैसा कि एस.बी.आई. और भारतीय महिला बैंक के मामले में हुआ।' एस.बी.आई. ने 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का मर्जर इस महीने किया था। इससे देश के सबसे बड़े बैंक की ताकत बढ़ी है। 

सरकार चाहती है कि इस वित्त वर्ष में बड़े बैंक बाजार से फंड जुटाएं। यह जानकारी एक अन्य सरकारी अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया, 'इंद्रधनुष रोडमैप के मुताबिक बैंकों को कैपिटलाइजेशन के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपए का इंतजाम करना है। हम चाहते हैं कि बड़े बैंक इस रूट का इस्तेमाल करें।' सरकार ने इस वित्त वर्ष में पब्लिक सेक्टर के बैंकों के लिए सिर्फ 10,000 करोड़ रुपए अलग रखे हैं। इसलिए बैंकों को मार्कीट से फंड जुटाना पड़ेगा।

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