GST के दायरे में आने पर भी सस्ता नहीं होगा पैट्रोल-डीजल

Thursday, Jun 21, 2018 - 09:37 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः जी.एस.टी. रेजीम में पैट्रोल और डीजल पर लगने वाला टैक्स जी.एस.टी. और राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले वैट का कॉम्बिनेशन हो सकता है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि अगर पैट्रोल और डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाता है तो दोनों फ्यूल पर सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत जी.एस.टी. रेट और राज्यों द्वारा लगाया जाने वाला लोकल सेल्स टैक्स या वैट लग सकता है। सबसे ज्यादा जी.एस.टी. रेट के साथ ही वैट मौजूदा टैक्सेस के समान ही होगा, जिसमें एक्साइज ड्यूटी केन्द्र और वैट की वसूली राज्यों द्वारा की जाती है।



अधिकारी ने कहा कि हालांकि दोनों फ्यूल को जी.एस.टी. के अंतर्गत लाने से पहले केन्द्र को फैसला करना है कि क्या वह 1 जुलाई, 2017 से लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जी.एस.टी.) से पैट्रोल, डीजल, नैचुरल गैस, जैट फ्यूल और क्रूड ऑयल को बाहर रखने के बाद बने 20,000 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रैडिट को छोड़ने के लिए तैयार है।

पैट्रोल-डीजल पर दुनिया में कहीं नहीं है प्योर GST
जी.एस.टी. के क्रियान्वयन के साथ जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि पैट्रोल और डीजल पर दुनिया में कहीं भी प्योर जी.एस.टी. नहीं है और इसलिए भारत में भी यह जी.एस.टी. तथा वैट का कॉम्बिनेशन ही होगा। उन्होंने कहा कि पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जी.एस.टी. में शामिल करने की टाइमिंग राजनीतिक तौर पर अहम होगी, जिसका फैसला केन्द्र और राज्यों दोनों को मिलकर लेना होगा।



पैट्रोल पर प्रति लीटर 19.48 रुपए एक्साइज वसूलता है केंद्र
केंद्र सरकार वर्तमान में पैट्रोल पर 19.48 रुपए और डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) के मामले में अंडेमान निकोबार द्वीप समूह सबसे पीछे है जहां दोनों फ्यूल्स पर 6 फीसदी सेल्स टैक्स वसूला जाता है। मुंबई में पैट्रोल पर सबसे ज्यादा 39.12 फीसदी वैट वसूला जाता है जबकि तेलंगाना में डीजल पर सबसे ज्यादा 26 फीसदी वैट वसूला जाता है। दिल्ली पैट्रोल पर 27 फीसदी और डीजल पर 17.24 फीसदी वैट वसूलता है। इस प्रकार पैट्रोल पर कुल 45.50 फीसदी और डीजल पर 35.40 फीसदी टैक्स वसूला जाता है। 
 

Supreet Kaur

Advertising