त्योहारी सीजन की वजह से अक्टूबर में पेट्रोल-डीजल की मांग चार माह के उच्चस्तर पर

Tuesday, Nov 01, 2022 - 03:54 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में त्योहारी सीजन के चलते पेट्रोल और डीजल की बिक्री अक्टूबर माह में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। उद्योग के शुरुआती आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली है। आकड़ों के अनुसार, पेट्रोल की बिक्री अक्टूबर में 12.1 प्रतिशत बढ़कर 27.8 लाख टन रही, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 24.8 लाख टन थी। अक्टूबर, 2020 की तुलना में बिक्री 16.6 प्रतिशत अधिक और महामारी पूर्व यानी अक्टूबर- 2019 की तुलना में 21.4 प्रतिशत अधिक रही। सितंबर, 2022 में माह-दर-माह आधार पर इस ईंधन की मांग 1.9 प्रतिशत घटी थी। वहीं मासिक आधार पर अक्टूबर में मांग 4.8 प्रतिशत अधिक रही। वहीं देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की बिक्री पिछले महीने 12 प्रतिशत बढ़कर 65.7 लाख टन हो गई। 

अक्टूबर, 2020 की तुलना में डीजल की खपत 6.5 प्रतिशत अधिक रही जबकि अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 13.6 प्रतिशत अधिक है। अगस्त में माह-दर-माह आधार पर डीजल की मांग जुलाई की तुलना में करीब पांच प्रतिशत घटी थी। वहीं अक्टूबर में माह-दर-माह आधार पर डीजल की मांग 9.7 प्रतिशत बढ़ी। अक्टूबर में पेट्रोल और डीजल की बिक्री जून के बाद सबसे अधिक रही। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में विस्तारित मानसून की समाप्ति और कृषि गतिविधियों में तेजी से डीजल की मांग में वृद्धि हुई है। 

रबी फसल की बुवाई के साथ-साथ त्योहारी सीजन से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई और मांग में वृद्धि हुई। वाहन ईंधन की बिक्री जुलाई और अगस्त में मानसून और कम मांग के कारण घटी थी लेकिन जैसे ही विमानन क्षेत्र खुला, हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई। इससे विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग अक्टूबर के दौरान 26.4 प्रतिशत बढ़कर 5.68 लाख टन हो गई। यह अक्टूबर, 2020 की तुलना में 65.8 प्रतिशत अधिक है लेकिन कोविड-पूर्व यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में 14 प्रतिशत कम है। 

आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 1.27 प्रतिशत घटकर 24.4 लाख टन रही। एलपीजी की खपत अक्टूबर, 2020 की तुलना में 1.3 प्रतिशत अधिक और अक्टूबर, 2019 की तुलना में 5.2 प्रतिशत अधिक है। मासिक आधार पर एलपीजी की खपत सितंबर के 24.8 लाख टन की तुलना से कम रही है। 

jyoti choudhary

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