EPFO: 10,050 रुपए तक हो सकती है प्राइवेट सैक्टर के कर्मचारियों की पैंशन

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 05:19 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकारी नौकरियों में एकीकृत पैंशन योजना (UPS) के जरिए जरूरी पैंशन सुधार के बाद अब प्राइवेट सैक्टर के कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर आ सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत प्रोविडैंट फंड और पैंशन कॉन्ट्रिब्यूशन की कैल्कुलेशन के लिए वेतन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। 

सूत्रों ने कहा है कि वित्त मंत्रालय जल्द ही श्रम मंत्रालय से मिले प्रस्ताव पर निर्णय ले सकता है। श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव में वेतन सीमा को मौजूदा 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपए करने की सिफारिश की है।

पैंशन और EPF योगदान पर पड़ेगा सीधा असर

सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव (EPF अंशदान के लिए वेतन सीमा बढ़ाने का) अप्रैल में भेजा गया था और वित्त मंत्रालय जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगा। EPFO द्वारा मैनेज किए जाने वाले कर्मचारी पैंशन योजना (ई.पी.एस.) में 1 सितंबर, 2014 से पैंशन की कैल्कुलेशन के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपए है। हालांकि, प्रस्तावित बढ़ौतरी प्राइवेट सैक्टर के कर्मचारियों को बहुत जरूरी राहत और बेहतर लाभ दे सकती है। 

यदि वेतन सीमा 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपए करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो इसका प्राइवेट सैक्टर के कर्मचारियों की पैंशन और ई.पी.एफ. योगदान पर कई प्रभाव पड़ेंगे।

कैसी की जाती है EPF पैंशन की गणना

ई.पी.एस. पैंशन की गणना के लिए एक खास फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। ये फॉर्मूला है- औसत सैलरी x पैंशनेबल सर्विस/ 70। बताते चलें कि यहां औसत सैलरी का मतलब कर्मचारी की 'बेसिक सैलरी'+'महंगाई भत्ता' होता है। इसके अलावा, अधिकतम पैंशनेबल सर्विस 35 साल होती है। फिलहाल, मौजूदा वेतन सीमा (पैंशन योग्य वेतन) 15,000 रुपए है। अब इन आंकड़ों के साथ गणना करें तो अभी ई.पी.एस. पैंशन 15,000 x35/70 = 7,500 रुपए प्रति महीना होता है।

इन-हैंड सैलरी हो जाएगी कम

अगर वेतन सीमा को 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपए कर दिया जाता है तो कर्मचारियों को मिलने वाली पैंशन 21,000x35/70 = 10,050 रुपए प्रति महीना हो जाएगा। यानी नए नियमों के बाद कर्मचारियों को हर महीने 2550 रुपए एक्स्ट्रा पैंशन मिलेगी। हालांकि, यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि नए नियमों के बाद कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी में थोड़ी कमी आ जाएगी क्योंकि अभी के मुकाबले नए नियम लागू होने के बाद कर्मचारी की सैलरी से ईपीएफ और ईपीएस के लिए ज्यादा कटौती होगी।


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Content Writer

jyoti choudhary

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